दंगे भड़काने वाला आरोपी मोहम्मद जुबैर, नोबल शांति पुरस्कार चाहता है!
Mohammed Zubair Nobel Prize: 100 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली, ये कहावत ऑल्ट न्यूज़ (Alt News) के सो कॉल्ड फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर (Mohammad Jubair) पर सटीक बैठती है. मोहम्मद जुबैर अभी कुछ दिन के लिए जेल में बंद था, क्योंकि उसपर हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और दंगे भड़काने सहित इंटरनेशनल फंडिंग लेने के आरोप लगे थे. अब वही मोहम्मद जुबैर खुद को नोबल प्राइज़ से सम्मानित होता देखना चाहता है वो भी नोबल पीस प्राइज़ मतलब शांति का पुरस्कार।
जिन आरोपी पर शांति भंग करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हों उसे नोबल शांति पुरस्कार चाहिए। TIME मैगज़ीन के अनुसार नोबल पीस प्राइज़ के लिए जिन लोगों का नाम कमेटी को भेजा गया है उसमे दो भारतीय हैं. जिनमे प्रतीक सिन्हा (Prateek Sinha) और मोहम्मद जुबैर का नाम है. ये दोनों लोग मिलकर ALT News का संचालन करते हैं. मतलब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं.
मोहम्मद जुबैर को चाहिए शांति नोबल पुरुस्कार
नोबल पीस प्राइज़ के लिए नॉमिनेट हुए मोहम्मद जुबैर ने ही हिंदुस्तान के मुसलमानों को नूपुर शर्मा के खिलाफ भड़काने का काम किया था, नूपुर ने जो कहा था उसका फैक्ट चेक किए बिना इस फैक्ट चेकर ने अधूरा क्लिप ट्वीट कर भारत को आग के हवाले कर दिया था. अपने ट्विटर अकाउंट से लगातार हिन्दू वरोधी और हिन्दू देवी-देवताओं के बारे में अनाप-शनाप लिखने वाले को 22 दिन तक जेल में रहना पड़ा था. राष्ट्र स्वाभिमान दल के संस्थापक दीपक शर्मा ने जुबैर पर यह मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें जुबैर पर सोशल मीडिया में हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने और विवादित तस्वीरें पोस्ट कर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप थे।
टाइम ने कहा जुबैर ने हेट स्पीच रोकने का प्रयास किया
TIME ने मोहम्मद जुबैर और उसके साथी प्रतीक सिन्हा के बारे में लिखा कि ये दोनों गलत सूचनाओं से मुकाबला कर रहे हैं.जहां हिन्दू राष्ट्रवादी पार्टी BJP मुसलमानों के खिलाफ अक्सर भेदभाव करती है तो सिन्हा और जुबैर सोशल मिडिया में चलने वाली गलत अफवाहों और फेक न्यूज़ का फैक्ट चेक करके लोगों को गुमराह होने से बचाते हैं.
बता दें कि मोहम्मद जुबैर के खिलाफ 7 मामले दर्ज हैं. जिनमे शांति भंग करने, दंगा भड़काने, लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने जैसे आरोप हैं. जुबैर अभी जमानत पर रिहा है.