किस्सा नहीं हकीकत है बडोदरा की लडकी ने निकाल कर दे दिया दिल्ली के लडके को अपना दिल
किस्सा नहीं हकीकत है बडोदरा की लडकी ने निकाल कर दे दिया दिल्ली के लडके को अपना दिल
नई दिल्ली। आपने प्यार में दिल देने की बाते तो बहुत सुनी होगी। जब लड़का या लड़की एक दूसरे को कहती है कि उन्होने एक दूसरे को अपन दिल दिया हुआ हैै। लेकिन क्या हकीकत में भी इस तरह किसो को देखा या सुना होगा कि लडकी ने अपना दिल लडके को दे दिया और लड़के के दिल में उसी लड़की का दिल लडके के शरीर में जीवन पर्यंत धडकेगा। लेकिन एक ऐसी हकीकत की दास्तान हम अपाको बताने का प्रयास करते हैं जिसमें बडोदरा की लड़की के परिजनों ने अपनी बच्ची का दिल दिल्ली के लडके को दे दिया है।
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बडे भाग्य से इस तरह का संयोग बनता है जब मानवता की सेवा के लिए हम अपनी रूढिवादितो को छोडकर एक मानव दूसरे मानव के काम आता है। हम बताना चाहते हैं कि वड़ोदरा की एक 17 वर्षीय युवती का बे्रन डेड होने पर देव तुल्य युवती के परिजनों ने उसके अंगदान का फैसला लिया। जिसकी जानकारी होने के बाद दिल्ली एम्स के डाक्टरो का एक दल वडोदरा गया और वहां से गुरूवार दोपहर दो बजे एम्स पहुंच कर दिल का प्रत्यारोपण कर दिया गया।
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कोरोना काल में पहला अंग प्रत्यारोपण एम्स द्वारा किया गया। जो पूरी तरह से सफल रहा है। मिली जानकारी के अनुसार ह्दय प्रत्यारोपण के बाद युवक का पूर्णरूपेण स्वस्थ्य है। एक दो दिन डाक्टरो की निगरानी में रहने के बाद युवक को डिस्चार्ज कर दिया जायेगा। अंग प्रत्यारोपण के लिए दिल्ली पुलिस ने ग्रीन कारिडोर बनाया था। ऐसे में 12 मिनट में 18 किमी की दूरी तक की गई और पहले से तैयार डाक्टरों की टीम ने युवक का ह्दय प्रत्यारोपण कर दिया।जिस युवक के ह्दय का प्रत्यारोपण किया गया वह जन्म से ह्दय रोग से पीडित था। उसका कई बार आपरेशन किया गया। लेकिन इस बार ह्दय प्रत्यारोपण कर दिया गया। जानकारी के अनुसार टीम में एनेस्थीसिया से डॉ. संदीप चैहान व डॉ. मिनाती चैधरी रहीं। वही ह्दय प्रत्यारोपण में मुख्य रूप से डॉ. शिव चैधरी, सर्जन डॉ. मिलिंद होते, डॉ. सुखजीत की टीम ने सफल आपरेशन किया।