वैक्सीन को लेकर चीन ने दी खुशखबरी, बोला दिसंबर तक आ जाएगी बाजार मे
वैक्सीन को लेकर चीन ने दी खुशखबरी, बोला दिसंबर तक आ जाएगी बाजार मे
रूस के बाद अब चीन ने कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर अच्छी खबर दी है. ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दवा कंपनी सिनोफार्म द्वारा बनाई गई ये वैक्सीन आम लोगों के लिए बाजार में दिसंबर के अंत तक आ जाएगी. दो डोज के लिए इस वैक्सीन की कीमत 1000 युआन (10780 रूपए) से कम तय की गई है. कहा जा रहा है कि बाजार में आने के बाद इसकी कीमत और कम हो जाएगी.
चीन के राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल ग्रुप (सिनोफार्म) के चेयरमैन लियू जिंगजेन ने कहा कि तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल पूरा होने के बाद इसकी मार्केटिंग समीक्षा की जाएगी. लियू ने कहा कि इसके दो डोज की कीमत 1000 युआन से कम होगी. उन्होंने कहा कि ये वैक्सीन चीन के सभी नागरिकों पर नहीं लगाई जाएगी.
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लियू जिंगजेन का सुझाव है कि छात्र और जो लोग शहरों में रह रहे हैं उन्हें ये इंजेक्शन लेने की जरूरत है जबकि छोटी आबादी वाले ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को ये वैक्सीन लेने की जरूरत नहीं है. बीजिंग और वुहान में सिनोफार्मा की दो अलग-अलग वैक्सीन बनाई जा रही हैं. तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के लिए ये वैक्सीन जून के महीने में यूएई भेज दी गई थी.
लियू ने खुद भी इन दोनों वैक्सीन में से एक वैक्सीन की दो डोज ली है. लियू ने कहा उन्हें कोई साइड इफेक्ट महसूस नहीं हुआ है. बीजिंग में इस वैक्सीन की 12 करोड़ डोज बनाने की तैयारी की जा रही है. इससे पहले सिनोफार्म कंपनी ने दावा किया था कि इम्यून रिस्पॉन्स ट्रायल में उसकी वैक्सीन के अच्छे नतीजे देखने को मिले हैं.
पाकिस्तान हेल्थ रिसर्च काउंसिल की नेशनल बायोएथिक्स कमेटी ने क्लिनिकल ट्रायल की स्टडी के लिए भी मंजूरी दे दी है. NBC का कहना है कि हमारे यहां होने वाले क्लिनिकल ट्रायल पर पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों के साथ-साथ आम लोगों की भी नजर रहेगी.
कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन Sputnik V हो चुकी लॉन्च
आपको बता दें कि रूस भी कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन Sputnik V लॉन्च कर चुका है. रूस का दावा है कि ये वैक्सीन लेने में 20 देशों ने दिलचस्पी दिखाई है जिसमें भारत भी शामिल है. Sputnik V कोरोना वायरस के लिए दुनिया की पहली रजिस्टर्ड वैक्सीन बन गई है.
रूस की योजना इस साल के अंत तक वैक्सीन की 20 करोड़ तक की डोज तैयार करने की है. वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन सितंबर में शुरू होने की उम्मीद है. इसके साथ ही रूस अपनी वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल भारत, सऊदी अरब, यूएई, ब्राजील और फिलीपींस सहित कई देशों में करना चाहता है.
उम्मीद जताई जा रही है कि कोरोना की वैक्सीन इस साल के अंत तक आ सकती है. वैक्सीन की दौड़ में ब्रिटेन, अमेरिका और चीन सबसे आगे नजर आ रहे हैं.
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