रूस की कोरोना वैक्सीन सबसे पहले किसे मिलेगी? जाने वैक्सीन को लेकर क्या कहा भारत ने
रूस की कोरोना वैक्सीन सबसे पहले किसे मिलेगी? जाने वैक्सीन को लेकर क्या कहा भारत ने
कोरोना वायरस अब तक देश में लाखों लोगों की मौत हो चुकी है. सारी दुनिया इसकी चपेट में है. इस संकट के बीच रूस से राहत की खबर आई है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को ऐलान किया है कि रूस ने कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन स्पुतनिक V बना ली है. उनका दावा है कि यह दुनिया की पहली सफल कोरोना वैक्सीन है. रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इसे मंजूरी दे दी है. आइए जानते हैं कोरोना वैक्सीन से जुड़े कुछ सवाल...
कैसी होगी रूसी कोरोना वैक्सीन...
रूस की सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, वैक्सीन में दो अलग - अलग इंजेक्ट करने वाले घटक हैं इसलिए दोनों का टीका अलग - अलग वक्त पर लगाया जाएगा. इससे वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी. जानकारों का कहना है कि प्रतिरोधक क्षमता दो सालों तक इंसानों के शरीर में रहेगी.
सबसे पहले किसे मिलेगी कोरोना वैक्सीन
राष्ट्रपति पुतिन के मुताबिक, कोरोना वैक्सीन सबसे पहले हेल्थ वर्कर्स को दी जाएगी. उसके बाद वरिष्ठ नागरिकों , बच्चों और वयस्कों को दी जाएगी. उनका कहना है कि वैक्सीन ट्रायल में 100 प्रतिशत कारगर साबित हुई है.
इतने कम समय में कैसे बनी वैक्सीन?
कोरोना से पहले सार्स और मार्स बीमारियों पर रिसर्च चल रहा था. कोरोना और सार्स एक ही फैमिली के होने की वजह से पहले की गई रिसर्च कोरोना वैक्सीन बनाने में मददगार साबित हुई है. जनवरी में ही चीन ने कोरोना के जेनेटिक सीक्वेंस साझा किए थे.
रूस की वैक्सीन को लेकर क्या है बाकी देशों के रवैये...
अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देश अभी रूस की कोरोना वैक्सीन पर भरोसा नहीं कर रहे हैं. उनका कहना है कि रूस ने जल्दबाजी में कोरोना वैक्सीन निकाली है. WHO का कहना है कि पर्याप्त डेटा के बिना वैक्सीन सप्लाई करना ठीक नहीं है. ब्रिटेन ने कहा है कि पर्याप्त ट्रायल के बगैर वह अपने नागरिकों को कोरोना वैक्सीन नहीं देगा. वहीं बाकी देश रूस की वैक्सीन का असर देखने के बाद वैक्सीन लेने के बारे में तय करेंगे.
वैक्सीन बाजार में कब तक आएगी ?
अभी कोरोना वैक्सीन की सीमित डोज बनी हैं. सितंबर में उत्पादन शुरू होगा. अक्टूबर से टीकाकरण किया जाएगा. रूसी मीडिया के मुताबिक, रूस के नागरिकों को अभी मुफ्त में कोरोना वैक्सीन दी जाएगी. जबकि बाकी देशों के लिए इसकी कीमत तय होगी.
वैक्सीन को लेकर क्या है भारत का रुख ?
रूस के वैक्सीन बनाने के दावे पर दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि सफल वैक्सीन का टीका सुरक्षित होना चाहिए, यह पहला मानक है. सैंपल का आकार क्या है? यह कितना प्रभाव दिखा रहा है? हमें यह भी स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि टीका सुरक्षित होना चाहिए. इसके बाद ही वैक्सीन पर विचार किया जा सकता है.