China को एक और झटका, National Highway Project में भी नहीं शामिल होने देगा भारत
नई दिल्ली. धोखेबाज चीन (China) को भारत ने एक और बड़ा झटका देने की तैयारी कर ली है. अब भारत चीन को National Highway Project में भी शामिल नहीं होने देगा. इसके पहले भारत ने चीन के TikTok समेत 59 Applications को देश में प्रतिबंधित कर दिया था.
बता दें चीन (China) के साथ बढ़ते तनाव के बीच केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने मंगलवार को कहा कि भारत चीनी कंपनियों को नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट (National Highway Project) में भाग लेने की अनुमति नहीं देगा, जिसमें ज्वाइंट वेंचर के माध्यम से शामिल है.
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गौरतलब है कि लद्दाख में सीमा पर 15 जून को चीन के सैनिकों के साथ हुए हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. उसके बाद से देश भर में चीनी सामानों का बहिष्कार होना शुरू हो गया. साथ ही सरकार से चीनी कंपनियों के खत्म करने की मांग उठने लगी थी.
उसके बाद भारत सरकार ने चीन के खिलाफ कड़े कदम उठाए और 59 चीनी मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया. सरकार ने मंगलवार को सभी इंटरनेट सेवा देने वाली कंपनियों को प्रतिबंधित 59 चीनी मोबाइल ऐप पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश जारी कर दिए.
सूत्रों ने बताया कि इंफोर्मेशन टैक्नोलॉजी एक्ट के आपातकालीन प्रोविजन के तहत सरकार ने ये निर्देश जारी किए हैं. दूरसंचार मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि आदेश की दो लिस्ट हैं. पहली सूची में 35 ऐप का नाम है और दूसरी सूची में 24 ऐप का नाम है.
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उधर व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने चीन की कंपनियों द्वारा भारतीय स्टार्टअप्स् में निवेश की जांच कराने की मांग की है.
कैट ने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि कहीं इन स्टार्टअप्स के जरिए भी तो कोई डाटा चीनी निवेशकों को उपलब्ध तो नहीं हो रहा है और उससे देश की सुरक्षा को कोई खतरा तो नहीं है. इन लिस्ट में वही नाम हैं जिन पर सरकार ने सोमवार को प्रतिबंध लगाया था.
इनमें टिकटॉक, यूसी न्यूज, यूसी ब्राउजर, वीवा वीडियो, मी वीडियो कॉल, बिगो लाइव और वीचैट इत्यादि शामिल हैं. कैट ने कहा कि भारत कई स्टार्टअप्स में चीनी कंपनियों का अच्छा-खासा निवेश है.
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इनमें प्रमुख रूप से फ्लिपकार्ट, पेटीएम मॉल, पेटीएम.कॉम, स्विगी, ओला, ओयो, जोमैटो, पोलिसीबाजार, बिगबास्केट, डेल्हीवरी, मेकमायट्रिप, ड्रीम 11, हाईक, स्नैपडील, उड़ान, लेंसकार्ट.कॉम, बायजू क्लासेज, साइट्रस टेक शामिल हैं. चीनी कंपनियां खासतौर पर अलीबाबा, टेन्सेंट एवं अन्य इनमें से कई स्टार्टअप्स में प्रमुख निवेशक हैं.
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