राहुल गांधी के बयान के बाद महाराष्ट्र में सियासी भूचाल, जानिए क्या चल रहा है Maharashtra में
राहुल गांधी के बयान के बाद महाराष्ट्र में सियासी भूचाल, जानिए क्या चल रहा है Maharashtra में
मुंबई। राहुल गांधी के एक बयान ने कोरोना से लड़ रहे महाराष्ट्र में सियासी भूचाल ला दिया है। दरअसल, राहुल से पूछा गया था कि महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण क्यों नहीं रुक रहा है। इसके जबाव में राहुल ने कहा की कांग्रेस प्रदेश में केवल उद्धव ठाकरे सरकार को सपोर्ट कर रही है और इस सरकार द्वारा लिए जा रहे फैसलों में कांग्रेस की कोई भूमिका नहीं है।
Rahul Gandhi ने एक वीडियो प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, कांग्रेस पार्टी पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पुड्डुचेरी में सरकार चल रही है और फैसले ले रही है, लेकिन महाराष्ट्र में ऐसा नहीं है। सरकार चलाने और किसी सरकार को समर्थन देने में फर्क है।
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इस बयान के बाद लग रहा है की महाराष्ट्र में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। प्रदेश के आला नेताओं के बीच हाई प्रोफाइल बैठकों का दौर जारी है, भाजपा लगातार प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रही है।
राज्य सरकार में मंत्री प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहब थोरात ने राहुल गांधी की बात का समर्थन करते हुए कहा है कि हम सरकार में शामिल जरूर हैं, लेकिन निर्णायक भूमिका में नहीं हैं। निर्णय लेने का अधिकार मुख्यमंत्री के पास ही है।
भाजपा का पलटवार
महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि पार्टी अपनी असफलता का ठीकरा शिवसेना और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर फोड़ना चाहती है। पूर्व मुख्यमंत्री ने इस बात से भी इन्कार किया कि उनकी पार्टी शिवसेना की अगुआई वाली महाविकास अघाड़ी की सरकार को अस्थिर करना चाहती है।
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क्या चल रहा महाराष्ट्र में
Rahul Gandhi का बयान ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले ही भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की है और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। इसके बाद राकांपा प्रमुख शरद पवार ने आधी रात को उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। वहीं शरद पवार ने भी राज्यपाल से मुलाकात की। एक के बाद एक मुलाकातों के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या महाराष्ट्र में सबकुछ ठीक है।
शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि उद्धव ठाकरे सरकार को कोई संकट नहीं है। हालांकि समय-समय पर तीनों दलों के मतभेद साफ झलकते रहे हैं। राकांपा के पास गृह मंत्रालय है और वह गठबंधन में सब पर हावी है। खुद उद्धव ठाकरे अपने हावभाव से इसके मामले में अपनी मजबूरी जाहिर कर चुके हैं।
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वहीं कांग्रेस नेताओं की शिकायत है कि सरकार में उनकी कोई नहीं सुनता है। खुद उद्धव ठाकरे बड़े फैसले लेने से पहले कांग्रेस नेताओं की राय नहीं लेते हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए गठबंधन में बना रहना मुश्किल हो रहा है। महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता यह बात केंद्रीय नेतृत्व तक कई बार पहुंचा चुके हैं, लेकिन वहां से भी कोई रिस्पांस नहीं मिला।
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