अब देश भर में चलेगा एक ही राशन कार्ड, जानें- क्या है वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना
अब देश भर में चलेगा एक ही राशन कार्ड, जानें- क्या है वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना
कोरोना संकट के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को आर्थिक पैकेज की दूसरी किस्त का ब्योरा दिया. इस दौरान उन्होंने प्रवासी मजदूर, किसान और रेहड़ी-पटरी पर काम करने वाले कामगारों के लिए 9 बड़े ऐलान किए. इस दौरान उन्होंने बताया कि देशभर में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना को लागू किया जाएगा.
निर्मला सीतारमण ने बताया कि यह योजना सार्वजनिक वितरण से जुड़ी 83 फीसदी आबादी को कवर करेगी. वहीं 23 राज्यों में मौजूद 67 करोड़ राशनकार्ड धारक (जो कुल PDS आबादी का 83 फीसदी है) अगस्त, 2020 तक नेशनल पोर्टेबिलिटी के तहत आ जाएंगे. हालांकि, मार्च 2021 से पहले 100 फीसदी नेशनल पोर्टेबिलिटी हासिल कर ली जाएगी. बता दें कि पहले वन नेशन वन राशन कार्ड योजना को 1 जनू 2020 से देशभर में लागू करने की बात कही जा रही थी.
'One Nation One Ration Card' by March 2021#AatmaNirbharBharatPackage pic.twitter.com/3QiezlPBgr
— PIB India #StayHome #StaySafe (@PIB_India) May 14, 2020
क्या है योजना
दरअसल, यह योजना मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) की तरह है. मोबाइल पोर्ट में आपका नंबर नहीं बदलता है और आप देशभर में एक ही नंबर से बात करते हैं. इसी तरह, राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी में आपका राशन कार्ड नहीं बदलेगा. अगर आसान भाषा में समझें तो एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर आप अपने राशन कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस कार्ड से दूसरे राज्य से भी सरकारी राशन खरीद
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उदाहरण से समझिए
मान लीजिए कि मोहित कुमार झारखंड का निवासी है और उसका राशन कार्ड भी झारखंड का है. वह इस राशन कार्ड के जरिए बिहार या दिल्ली में भी उचित मूल्य पर सरकारी राशन खरीद सकेगा. सरकार का कहना है कि इससे भ्रष्टाचार और फर्जी राशन कार्ड में कमी आएगी. मतलब कि किसी भी तरह की सीमा या नियमों का बंधन नहीं होगा. वह देश के किसी भी राज्य में राशन खरीद सकता है. अहम बात ये है कि इसके लिए किसी नए राशन कार्ड की जरूरत नहीं होगी. मतलब ये कि आपके पुराने राशन कार्ड ही इसके लिए मान्य होंगे.
किन राज्यों में है लागू?
बता दें कि उत्तर प्रदेश और बिहार समेत देश के 17 राज्यों ने राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी को लागू कर दिया है. इसे लागू करने वालों में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, गोवा, झारखंड और त्रिपुरा जैसे राज्य भी शामिल हैं.