EPF को लेकर सरकार ने दी बड़ी राहत, जानिए EPFO, कर्मचारी और कंपनी पर क्या असर पड़ेगा
नई दिल्ली। देश में Coronavirus के संकट के चलते मोदी सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) को लेकर बड़ी राहत घोषणाएं की है। कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के ही EPF योगदान पर कटौती की गई है। अगले तीन महीने तक EPF योगदान 12 फीसद से घटाकर 10 फीसद कर राहत दिया है।
सरकार की इस घोषणा से ना सिर्फ कर्मचारियों और नियोक्ताओं को बल्कि EPFO को भी राहत मिलेगी। हालांकि, इस दौरान CPSE और राज्यों के PSU में नियोक्ता का योगदान 12 फीसद ही रहेगा।
वित्त मंत्री ने बुधवार को बताया कि PF योगदान में कटौती का फायदा उन कर्मचारियों को भी मिलेगा, जो प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के अंतर्गत 24 फीसद EPF सपोर्ट और इसके विस्तार के अंतर्गत लाभ लेने के योग्य नहीं है।
PF योगदान में कटौती से 4.3 करोड़ कर्मचारियों और 6.5 लाख संस्थानों को फायदा होगा। इस कदम से कर्मचारियों और नियोक्ताओं को तीन महीने में 6750 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी मिल सकेगी।
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Employees को मिलेगी बढ़ी हुई Sallery
सरकार के इस कदम से अब अगले तीन महीने कर्मचारियों को बढ़ी हुई सैलरी मिलेगी। सरकार ने कर्मचारी के योगदान को 12 फीसद (Basic+DA) से घटाकर 10 फीसद किया है। इससे अब कर्मचारियों के हाथ में Basic+DA की दो फीसद रकम अधिक आ पाएगी। वहीं नियोक्ताओं को Basic+DA का दो फीसद कम EPF योगदान देना होगा, इससे अन्हें भी EPF योगदान में कम खर्च करना होगा।
तीन महीने और EPF भुगतान करेगी सरकार
वित्त मंत्री ने बुधवार को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत छोटी कंपनियों के 15,000 से कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों के कर्मचारी व नियोक्ता के EPF भुगतान को सरकार द्वारा दिये जाने की योजना को तीन महीने और आगे बढ़ा दिया है। अब जून, जुलाई और अगस्त महीने में भी EPF भुगतान सरकार द्वारा ही किया जाएगा।
EPFO पर कम होगा ब्याज का बोझ
सरकार द्वारा की गई EPF योगदान में कटौती की घोषणा से EPFओ को भी काफी फायदा होने वाला है। कर्मचारी और नियोक्ता का योगदान घट जाने से EPFओ के पास कम राशि पहुंचेगी और उसे कम ब्याज देना होगा।
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सोलंकी ने बताया कि EPF पर ब्याज दर पहले से ही कम की हुई है। वहीं, कोरोना संकट के चलते सरकार द्वारा दी गई विशेष राहत का फायदा उठाकर बड़ी संख्या में लोग EPF बैलेंस की निकासी कर रहे हैं। इन सब के चलते EPFओ से ब्याज का बोझ काफी कम हो जाएगा।
Retirement Fund पर पड़ेगा असर
EPF योगदान घटने का सीधा असर कर्मचारी के रिटायरमेंट फंड पर पड़ने वाला है। सेबी रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार जितेंद्र सोलंकी ने इस संबंध में कहा कि अवश्य ही सरकार के इस कदम से कर्मचारियों के रिटायरमेंट फंड पर असर पड़ेगा, लेकिन यह संकट का समय है और इस समय लोगों के हाथ में ज्यादा वेतन पहुंचाना अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।
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उन्होंने कहा कि इस विकट समय में कंपनियों द्वारा कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने की उम्मीद बहुत कम है। ऐसे में EPF योगदान में कटौती से उन्हें बढ़ा हुआ वेतन मिल पाएगा। सोलंकी ने कहा कि बेहतर लिक्विडिटी होने पर कर्मचारी बाद में विPF (VPF) के जरिए रिटायरमेंट फंड को हुए नुकसान की भरपाई कर सकते हैं।
Tax में छूट के लिए देखने पड़ सकते हैं नए विकल्प
EPF में योगदान आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर छूट के योग्य होता है। EPF योगदान में कटौती से अब कर्मचारी के हाथ में अधिक वेतन आएगा। ऐसे में कर्मचारी को मौजूदा वित्त वर्ष के लिए दूसरे टैक्स-सेविंग निवेशों के लिए भी जाना पड़ सकता है।
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