पेड़ में चढ़कर स्टूडेंट्स को पढ़ाता है ये टीचर, वजह आपको हैरान कर देगी...
देश में एक ऐसा टीचर भी है जो अपने स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए रोजाना पेड़ पर चढ़ जाता है। इस टीचर का नाम है सुब्रत पाती। 35 साल के टीचर सुब्रत पाती ने स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए एक नीम के पेड़ को अपना क्लासरूम बना लिया है। अब सवाल है कि वह ऐसा क्यों करते हैं? बच्चों को पढ़ाने के लिए उन्हें खुद नीम के पेड़ पर चढ़ने की क्या जरूरत है? इसके पीछे की वजह आपको हैरान कर देगी...
दरअसल, सुब्रत कोलकाता (पश्चिम बंगाल) के दो शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाते हैं। वह 'इतिहास' विषय के शिक्षक हैं। कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन में सुब्रत पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले में अपने गांव अहांदा चले गए।
गांव से सुब्रत को ऑनलाइन क्लास लेनी थी। लेकिन गांव में नेटवर्क की काफी दिक्कत है। सुब्रत चाहते तो इस समस्या के सामने घुटने टेक देते और क्लास लेने से मना कर सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। बल्कि समस्या का हल निकाला।
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DO IT YOURSELF Technic अपनाई और पेड़ पर डाला डेरा
जब सुब्रत ने पेड़ पर चढ़कर देखा तो फोन में नेटवर्क सही आ रहा था। फिर उन्होंने DIY (Do it Yourself) टेक्नीक अपनाई। अपने दोस्तों की मदद से सुब्रत ने बांस की खपच्चियों और पुआल को रस्सी से बांधकर एक प्लेटफॉर्म बनाया और उसे घर के पास के एक नीम के पेड़ पर उसकी शाखाओं के बीच फंसाकर रख दिया।
अब सुब्रत रोज पेड़ की शाखाओं के बीच फंसे लकड़ी के उसी प्लेटफॉर्म पर चढ़कर बैठते हैं और स्टूडेंट्स की ऑनलाइन क्लास लेते हैं। उन्हें घंटों वहां बैठकर क्लास लेनी होती है। इसिलए सुब्रत खाना-पानी भी अपने साथ पेड़ पर ही ले जाते हैं।
ऐसी भी परेशानियां
सुब्रत कहते हैं कि 'बढ़ती गर्मी से परेशानी होती है। कई बार शौचालय भी नहीं जा पाता। कभी बारिश और बिजलियां परेशान करती हैं। पानी, धूप से बांस का बना प्लेटफॉर्म भी खराब हो जाता है। लेकिन मैं उसे फिर से ठीक कर एडजस्ट करने की कोशिश करता हूं।'
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वह मुस्कुराते हुए कहते हैं 'मेरी क्लास में बच्चों की अटेंडेंस भी अच्छी रहती है। इससे मेरा कॉन्फिडेंस और बढ़ता है। इसलिए मैं नहीं चाहता कि उनकी पढ़ाई में कोई समस्या आए।'
कोरोना वायरस, लॉकडाउन के बीच इंटरनेट की समस्या से जूझते हुए सुब्रत जिस तरह अपने जज्बे से बच्चों की पढ़ाई का नुकसान होने से बचा रहे हैं, उसके लिए सभी उनकी तारीफ करते हैं। अडामास यूनिवर्सिटी के चांसलर समित रे ने भी कहा कि संस्थान को सुब्रत पाती पर गर्व है। सुब्रत इस बात का उदाहरण हैं कि कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय से किसी भी बाधा को दूर किया जा सकता है।