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सिंधिया एमपी में चाहते हैं डिप्टी सीएम, BJP-RSS तैयार नहीं, और अटक गया मंत्रिमंडल गठन
सिंधिया एमपी में चाहते हैं डिप्टी सीएम, BJP-RSS तैयार नहीं, और अटक गया मंत्रिमंडल गठन
भोपाल. चार पांच दिन से मंत्रिमंडल के गठन की हवा भोपाल से उड़ते हुए दिल्ली तक तो पहुंची पर वहां से लौटी नहीं. इसका कारण है कांग्रेस से भाजपा में आएं ज्योतिरादित्य सिंधिया. दरअसल सिंधिया एमपी में डिप्टी सीएम पद चाहते हैं, जिसमें उनके ख़ास समर्थक को बैठाया जा सके. पर इस बात के लिए BJP तैयार नहीं है, और न ही RSS इसके लिए तैयार है. इस वजह से शिवराज के मिनी मंत्रिमंडल का गठन पर भी पानी फिरते दिख रहा है.
सूत्र बताते हैं जब शिवराज के मिनी मंत्रिमंडल की बात चली तो सिंधिया सीधे डिप्टी सीएम पद की मांग कर बैठे. सिंधिया अपने ख़ास समर्थक एवं कांग्रेस के पूर्व मंत्री तुलसीराम सिलावट को मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री पद के रूप में विद्यमान देखना चाहते हैं. इधर अगर सिंधिया की बात अभी भाजपा मान भी लेती है तो पार्टी को एक और डिप्टी सीएम का पद निकालना पड़ेगा वो भी भाजपा के कद्दावर नेता और कमलनाथ सरकार को धराशायी करने में अहम् भूमिका निभाने वाले नरोत्तम मिश्रा के लिए.
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फिलहाल भाजपा, आरएसएस और स्वयं सीएम शिवराज चाहते हैं की डिप्टी सीएम पद के बारे में बाद में सोचा जाएगा. पहले कोरोना से जंग लड़ने के लिए एक प्रभावशाली और मिनी मंत्रिमंडल का गठन कर लिया जाय. इसके लिए कुछ नाम भी राष्ट्रीय स्तर तक सौंप दिए गए थें, जिनमें सिंधिया समर्थक बागी पूर्व विधायकों के भी नाम शामिल थें. जिस रफ़्तार से दिल्ली की दहलीज में नाम गए उस रफ़्तार से मुहर न लग पाना अब सिंधिया का भाजपा पर दबदबा या फिर उनकी वजह से भाजपा की मजबूरी साबित हो रही है.
अमित शाह से मिले थें सिंधिया
बहरहाल सिंधिया कुछ दिनों पूर्व ही टोटल लॉकडाउन के दौरान भी दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मिलने गए थें. इस मुलाक़ात के कई सियासी मायने निकाले जा रहें हैं. कुछ राजनितिक पंडित तो यह भी कहते हैं की ज्योतिरादित्य ने शाह से मिलकर सूची और मंत्रिमंडल के गठन पर पानी फिरवा दिया है.