पंजाब में 36000 संविदा कर्मचारी होंगे नियमित, पॉलिसी तैयार कैबिनेट में किया जाएगा पेश
Regularization of Punjab Teachers: बहुत जल्दी प्रदेश सरकार अपने 36000 संविदा कर्मचारियों को नियमित करने जा रही है। जिसके लिए विभागीय स्तर पर तैयारी पूर्ण हो गई है। बहुत जल्दी कानूनी विशेषज्ञों की राय के बाद इसे कैबिनेट में पेश किया जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। पंजाब की भगवंत मान सरकार (Punjab Government) अपने चुनावी वादे को पूरा करने की दिशा में प्रयासरत दिख रही है।
पूर्व सरकारों ने भी किया था वादा
जानकारी के अनुसार पंजाब में सत्ता में रही कई पिछली सरकारों ने संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा तो किया लेकिन उसे पूरा नहीं कर पाई। वहीं कई सरकारों ने तो आधी अधूरी तैयारी के साथ नियमितीकरण के लिए कानून तैयार किए लेकिन उनका यह कानून अदालती कार्यवाही में फंसा रह गया। लेकिन इस बार भगवंत मान (Bhagwant Mann) सरकार संविदा कर्मचारियों (Sanvida Employee) को नियमित करने पक्की तैयारी में लगी हुई है।
कैबिनेट सब कमेटी का गठन
वित्त मंत्री हरपाल सिंह की अगुवाई में कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया गया है। इसके लिए कई बैठकें हो चुकी हैं। अब निश्चित किया गया है कि कानून बनाने के बजाए अनुबंध के आधार पर रखे कर्मचारियों के कैडर को अलग रखकर उन्हें स्थाई नियुक्ति दी जाए।
कैबिनेट की सब कमेटी द्वारा नई नीति के तहत 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके अस्थाई कर्मचारियों को नियमित किया जा सकेगा। हालांकि इस नीति के संबंध में कुछ कर्मचारियों का कहना है कि पंजाब के पड़ोसी राज्य हिमांचल प्रदेश में संविदा कर्मचारियों को मात्र 3 वर्ष में नियमित किया जा रहा है। लेकिन इन सबके बीच पंजाब सरकार इस नीति को अनुमोदन देने के लिए कैबिनेट की बैठक में पेश करेगी।
देखना यह है कि कैबिनेट की बैठक में इस नई नीति पर आम सहमति बन पाती है या नहीं। वही जानकारी के अनुसार पंजाब में 10 वर्ष की संविदा सेवा पूरी कर चुके करीब 36000 कर्मचारी हैं। इन सभी कर्मचारियों को नियमित करने से एक बड़े कर्मचारी समूह को इसका लाभ होगा।