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भारत में पैरासिटामोल समेत 156 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन दवाओं पर प्रतिबंध, जानें सरकार ने क्यों लगाया बैन और क्या हैं ये दवाएं

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत
24 Aug 2024 11:25 AM IST
Updated: 2024-08-24 09:06:58
भारत में पैरासिटामोल समेत 156 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन दवाओं पर प्रतिबंध, जानें सरकार ने क्यों लगाया बैन और क्या हैं ये दवाएं
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने मरीजों के हित में 156 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। जानिए क्यों लगाया गया है ये प्रतिबंध और इन दवाओं में क्या होता है।

केंद्र सरकार ने 156 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं पर प्रतिबंध लगाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। ये दवाएं आमतौर पर बुखार, सर्दी, दर्द निवारण, मल्टी-विटामिन और एंटीबायोटिक के रूप में इस्तेमाल की जा रही थीं। सरकार ने इन दवाओं के इस्तेमाल को लेकर चिंता जताई है, क्योंकि इनके सेवन से मानव स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा हो सकता है।

ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड की सिफारिशें

सरकार ने यह प्रतिबंध ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड की सिफारिशों के आधार पर लगाया है। बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया कि इन FDC दवाओं में शामिल घटकों का कोई मेडिकल आधार नहीं है, जिससे इनका उपयोग मानव स्वास्थ्य के लिए असुरक्षित हो सकता है। इस वजह से देशभर में इन दवाओं के उत्पादन, उपयोग और वितरण पर रोक लगा दी गई है।

क्या हैं फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाएं?

फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाएं वह होती हैं जिनमें एक ही गोली में एक से अधिक दवाओं का मिश्रण होता है। इन दवाओं को आमतौर पर कॉकटेल ड्रग्स के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि, इनका उपयोग करने में स्वास्थ्य पर जोखिम का खतरा होता है, जिससे इन पर प्रतिबंध लगाया गया है।

हेयर ट्रीटमेंट, स्किनकेयर और एंटी-एलर्जिक दवाएं भी शामिल

बैन की गई दवाओं की सूची में हेयर ट्रीटमेंट, एंटीपैरासिटिक (परजीवियों के संक्रमण के लिए), स्किनकेयर और एंटी-एलर्जिक दवाएं भी शामिल हैं। केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार, एमाइलेज, प्रोटीएज, ग्लूकोएमाइलेज, पेक्टिनेज, अल्फा गैलेक्टोसिडेज, लैक्टेज, बीटा-ग्लूकोनेज, सेल्युलेस, लाइपेज, ब्रोमेलैन, जाइलेनस, हेमिकेल्यूलेस, माल्ट डायस्टेज, इनवर्टेज और पापेन के इस्तेमाल से मानव स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है।

पैरासिटामोल 125mg टैबलेट भी बैन

हेल्थ मिनिस्ट्री द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, प्रतिबंधित दवाओं में "एसेक्लोफेनाक 50mg + पैरासिटामोल 125mg टैबलेट" शामिल है। इसके अलावा, पैरासिटामोल, ट्रामाडोल, टॉरिन और कैफीन के कॉम्बिनेशन पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। ट्रामाडोल एक ओपिओइड-बेस्ड पेन किलर है, जिसका अधिक सेवन स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

इन पांच FDC दवाओं पर भी प्रतिबंध

  1. मेफेनामिक एसिड + पैरासिटामोल इंजेक्शन
  2. सेटिरिजिन HCL + पैरासिटामोल + फेनिलफ्रीन HCL
  3. लेवोसेटिरिजिन + फेनिलफ्रीन एचसीएल + पैरासिटामोल
  4. पैरासिटामोल + क्लोरफेनिरामाइन मैलेट + फेनिल प्रोपेनोलामाइन
  5. कैमिलोफिन डाइहाइड्रोक्लोराइड 25 mg + पैरासिटामोल 300mg

इंडियन फार्मास्युटिकल अलायंस (IPA) का समर्थन

इंडियन फार्मास्युटिकल अलायंस (IPA) ने सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है। IPA के सेक्रेटरी जनरल सुदर्शन जैन ने कहा कि यह कदम मरीजों की सुरक्षा के लिए आवश्यक था और सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर उठाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने दवा निर्माताओं को अपने पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया, और जिन दवाओं के समर्थन में पर्याप्त डेटा नहीं था, उन्हें वापस लिया जाना चाहिए।

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