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10 March Savitribai Phule Death Anniversary: महिलाओं के लिए लड़ने वाली सावित्रीबाई फुले के बारे में जानें

10 March Savitribai Phule Death Anniversary: महिलाओं के लिए लड़ने वाली सावित्रीबाई फुले के बारे में जानें
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10 March Savitribai Phule Death Anniversary In Hindi: आज दस मार्च और यह दिन इतिहास के झरोखो से बेहद ख़ास है। बता दे की आज के दिन सावित्रीबाई फुले जी ने अपनी अंतिम सांसे ली थी।

10 March Savitribai Phule Death Anniversary In Hindi: आज दस मार्च और यह दिन इतिहास के झरोखो से बेहद ख़ास है। बता दे की आज के दिन सावित्रीबाई फुले जी ने अपनी अंतिम सांसे ली थी। सावित्रीबाई फुले महात्मा ज्योतिबा फुले की पत्नी थीं। बता दें की सावित्रीबाई फुले भारत की पहली महिला थी जो शिक्षा क्षेत्र में अपनी जगह बनाने में सक्षम रहीं। जब महिलाओं को शिक्षा नहीं दी जाती थी ता उन्होंने महिलाओं के लिए एक स्कूल शुरू किया जो भारत की पहली महिला स्कूल थी। उन्होंने स्त्री शिक्षा और महिला अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और महिलाओं के लिए जोरदार संदेश दिया।

बता दें की सावित्रीबाई फुले की मृत्यु 10 मार्च 1897 को हुई थी। उनके निधन के बाद, उनके संगठन के सदस्यों ने एक समारोह का आयोजन किया जिसमें उन्हें याद किया गया। सावित्रीबाई फुले की मृत्यु एक बड़ी क्षति थी महिला शिक्षा और महिला अधिकारों के लिए जिनके लिए उन्होंने लम्बी लड़ाई लड़ी थी। उनके निधन के बाद, उन्हें सम्मानित किया गया और उनकी याद में कुछ स्कूलों और संगठनों ने स्मारक बनाए। आज भी लोग सावित्रीबाई फुले को महान महिला शिक्षा विद्वान के रूप में याद करते हैं।

बता दें की अपने जीवन के दौरान सावित्रीबाई फुले ने समाज के लिए अनेक महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। सावित्रीबाई ने स्त्रियों को शिक्षित करने के लिए समाज में एक जागरूकता फैलाने के लिए बहुत सारी मेहनत की। उन्होंने महिलाओं के लिए एक स्कूल शुरू किया जो भारत की पहली महिला स्कूल थी। सावित्रीबाई फुले ने भारतीय समाज को समझाया कि शिक्षा सभी के लिए जरूरी है और न केवल लड़कों के लिए।

सावित्रीबाई फुले ने महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित किया और उन्हें उनके अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया। सावित्रीबाई फुले ने महिलाओं के लिए महिला समाज सुधार संस्था भी स्थापित की जिसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना था।


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