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MP Weather: अगले 24 घंटे एमपी के लिए भारी! कंबल-रजाई रख लें तैयार, इन 5 जिलों में येलो अलर्ट जारी, छायेगा घना कोहरा-गिरेगा पारा
MP Weather Alert News: पिछले 24 घंटे के दौरान न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज नहीं की गई। मौसम विभाग की मानें तो तापमान स्थिर रहा। वहीं दिन को तेज धूप निकलने से लोगों को ठण्ड से राहत मिली। प्रदेश के सभी संभागों के जिलों में इस दौरान मौसम शुष्क रहा। प्रदेश का सबसे कम न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
तापमान में नहीं हुआ विशेष परिवर्तन
मौसम विज्ञान केन्द्र भोपाल की मानें तो पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के सभी जिलों में मौसम शुष्क रहा। वहीं शिवपुरी, दतिया और ग्वालियर जिलों में हल्क से मध्यम कोहरा देखने को मिला।
शहडोल संभाग के कुछ जिलों में न्यूनतम तापमान में उछाल दर्ज किया गया। जबकि भोपाल और उज्जैन संभागों के जिलों में न्यूनतम पारा में गिरावट दर्ज की गई।
जबकि अन्य संभागों के जिलों के तापमान में कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश का सबसे कम न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भोपाल में न्यूनतम तापमान 8.4 डिग्री रिकार्ड हुआ तो धार में 8.1 डिग्री जबकि रायसेन में न्यूनतम पारा 7.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
आगे ऐसा रहेगा मौसम का हाल
मौसम विज्ञान केन्द्र भोपाल द्वारा आगामी मौसम का जो पूर्वानुमान जताया गया है उसके अनुसार आगामी 24 घंटे के दौरान प्रदेश के सभी जिलों में मौसम शुष्क रहेगा।
जबकि चंबल और ग्वालियर संभाग के सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिलों में मध्यम से घना कोहरा छाने की संभावना जताई गई है। यहां कोहरा मध्यम से घना कोहरा छाने के कारण यह प्रभाव पड़ सकते हैं।
जिसमें हवाई अड्डों पर न्यूनतम दृश्यता होने पर विमान का उतरना, उड़ान भरना आदि प्रभावित हो सकते हैं। जबकि कोहरे के कारण विजिबिलिटी कम हो जाएगी जिससे वाहन चालकों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
कोहरे का फसलों व मानव जीवन पर प्रभाव
कुछ जिलों में मध्यम से घना कोहरा छाने की संभावना मौसम विभाग द्वारा जताई गई है। इस दौरान शीतलहर भी चलेगी जिससे फसलों को नुकसान पहुंच सकता है। शीतलहर से गेहूं, आलू, सरसों और अन्य रबी फसलों पर पर इसका दुष्प्रभाव पड़ने की आशंका है। वहीं शीतलहर व ठंड से लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
घने कोहरे में मौजूद कण पदार्थ और विभिन्न प्रकार के प्रदूषण के संपर्क में आने से फेफड़ों की कार्यक्षमता घट जाती है। जिससे खांसी और सांस की तकलीफ वाले मरीज भी बढ़ सकते हैं। वहीं आंखों में जलन, लाली और सूजन की समस्या पैदा हो सकती है।
चिकित्सकों की मानें तो लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने पर फ्रॉस्टब्राइड और विभिन्न बीमारियां जैसे फ्लू, बहती नाक, नकसीर के मरीजों के बढ़ने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता।