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Biggest Rakhi: एमपी में भगवान गणेश को बांधी जाएगी विश्व की सबसे बड़ी राखी, बनाने में लगा तीन माह का समय
मध्यप्रदेश में भगवान गणेश को विश्व की सबसे बड़ी राखी बांधी जाएगी। यह राखी 31 अगस्त को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में बंधेगी। इस राखी की थीम में भारत की उपलब्धियों को दर्शाया जाएगा। जिसमें दुनिया के साथ ही भारत का मानचित्र, चंद्रयान-3, नया संसद भवन, वंदे भारत एवं ईस्ट, वेस्ट, साउथ और नार्थ में स्थित देश शामिल हैं।
हैंडवर्क से तैयार हुई राखी
एमपी के इंदौर स्थित खजराना गणेश को प्रतिवर्ष बांधी जाने वाली विश्व की सबसे बड़ी राखी इस वर्ष भी बांधी जाएगी। 20 वर्षों से निरंतर चली आ रही खजराना गणेश को बांधी जाने वाली राखी को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी स्थान प्राप्त हो चुका है। पुण्डरिक पालरेचा एवं शांतु पालरेचा के मुताबिक खजराना गणेश मंदिर के साथ ही इंदौर के अंति प्राचीन 10 मंदिरों पर भारत की उपलब्धियों की थीम तैयार की गई राखी बांधी जाएगी। बताया गया है कि यह राखी देश की उपलब्धियों पर बनाई गई है जिसे पूर्ण रूप से हैंडवर्क के माध्यम से बनाया गया है।
देखने को मिलेंगी भारत की उपलब्धियां
खजराना गणेश को बांधी जाने वाली विशाल राखी के संबंध में पुण्डरिक पालरेचा एवं शांतु पालरेचा ने बताया कि इसे सलमा, सितारा, नग-नगीने व जरदोसी के साथ ही आर्टिफिशियल फ्लॉवर से तैयार किया गया है। गणेश जी के लिए बनाई गई इस विशाल राखी में दुनिया के साथ ही भारत का मानचित्र, चंद्रयान-3, नया संसद भवन, वंदे भारत, राष्ट्रीय चिन्ह एवं राजदंड सेंगोल की हूबहू प्रतिकृति इसमें देखने को मिलेगी। यह राखी भारत की उपलब्धियों को दर्शित करेगी।
30 से 40 लोगों ने मिलकर तीन माह में किया तैयार
इंदौर के खजराना गणेश सहित अन्य मंदिरों पर बांधी जाने वाली राखियों को हैंडवर्क से तैयार किया गया है। इसे तैयार करने के लिए 30 से 40 लोगों ने लगभग 3महीने तक कार्य किया। लोगों ने अपने हाथों से नक्काशी कर भारत की उपलब्धियों में राखी में दर्शाया है। बताया गया है कि इंदौर के खजराना गणेश के साथ ही 10 अति प्राचीन मंदिरों के लिए भी 24 से 36 इंच की भारत की उपलब्धियों को दर्शाती राखी तैयार की गई है। जो 31 अगस्त रक्षाबंधन के पर्व पर एक साथ-एक समय पर सभी मंदिरों में बांधी जाएगी। जिसमें खजराना गणेश के साथ ही पंचकुईया स्थित वीर अलीजा हनुमान मंदिर, बड़ा गणपति मंदिर, छोटे गणपति मंदिर मल्हारगंज, मणिभद्रजी सुभाष चौक के साथ ही उज्जैन बाबा महाकाल एवं चिंतामण गणेश को यह राखी बांधी जाएगी।