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एमपी: डिंडोरी कलेक्टर का वर्किंक स्टाइल बना चर्चा का विषय, महिलाओं के छुए पैर, जमीन में बैठ कर सुनी समस्याएं
डिंडौरी- जिले के कलेक्टर विकास मिश्रा की कार्यशैली क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। कभी कलेक्टर नवमी के छात्र को एक दिन का कलेक्टर बना देते हैं तो कभी महिलाओं के हाथ में ही मोबाइल नंबर लिख देते हैं। इसी कड़ी में डिंडौरी कलेक्टर विकास मिश्रा का एक और कार्य चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया गया है कि कलेक्टर विकास मिश्रा छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे करंजिया जनपद पंचायत क्षेत्र के गोपालपर गांव पहुंचे।
यहां उन्होने लोगों की समस्याएं सुनी। कलेक्टर चकमी ग्राम पंचायत के पोषक ग्राम चकमी पहुंचे तो बैगा आदिवासी महिलाएं कलेक्टर का स्वागत करने पहुंच गई। इस दौरान कलेक्टर ने आदिवासी महिलाओं के न सिर्फ पैर छुए बल्कि जमीन में बैठ कर महिलाओं की समस्याएं सुनी।
अधिकारियों को समस्या निराकरण का दिया निर्देश
महिलाओं ने कलेक्टर को बताया कि उन्हें बैगा विकास अभिकरण द्वारा दी जाने वाली एक हजार रूपए की अनुदान राशि नहीं मिल रही है। जिसके बाद कलेक्टर ने तत्काल जनपद पंचायत सीईओ को शनिवार को कैंप लगा कर समस्या के निराकरण का निर्देश दिया। कलेक्टर ने इस दौरान ग्रामीणों को पेसा एक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
ठेकेदार का रोंके भुगतान
कलेक्टर मिश्रा रूसा से गोपालपुर पहुंचे तो ग्रामीणों ने बताया कि प्रधानमंत्री सड़क योजना से बन रही रही रूसा-गोपालपुर सड़क में ठेकेदार द्वारा मुरूम की जगह मिट्टी डाल रहा है। जिसके कारण आवागमन प्रभावित हो रहा है। कलेक्टर ने अधिकारियों को ठेकेदार का भुगतान रोकने का निर्देश दिया।
पानी पीकर किया चेक
कपोटी गांव पहुंचे कलेक्टर ने आजीविका मिशन द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बनाई गई टंकी से पानी निकलवाकर उसे पीया। पानी पीने के बाद कलेक्टर ने कहा कि पानी शुद्ध है। पानी की टंकी के आस-पास गंदगी न फैलाए। कलेक्टर के दौरे के दौरान जनपद पंचायत सीईओ, पीएचई और वन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।