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एमपी में तापमान में गिरावट के साथ ही फसलों के नुकसान का खतरा, विभाग ने बचाव के लिए जारी किये निर्देश, जानें नहीं हो जाएगी देर
MP Weather News: पूरे प्रदेश के साथ ही रीवा जिले में ठंड का प्रकोप अपने चरम पर है। जिले में सुबह से ही कोहरा छाया रहता है। बदले मौसम व ठंड के कारण किसानों को अपनी फसल की चिंता सताने लगी है। घने कोहरे के कारण चना, मसूर, अरहर, सरसों जैसी फसलों को नुकसान होने की आशंका बनी हुई है। फसलों को पाले से बचाने के लिए कृषि विभाग ने सिचाई व धुआं करने की सलाह किसानों को दी हैं।
बताया गया है कि कृषि विभाग ने भी बदलते मौसम और तापमान में गिरावट की स्थिति को देखते हुए फसलों में पाला पड़ने की आशंका जताते हुए बचाव की सलाह दी है। जिस वजह से किसानांं के लिए आवश्यक सलाह जारी की गई है। किसनां को रात में खेत की मेड़ पर कचरा और खरपतवार जलाकर विशेष रूप से उत्तर-पश्चिमी से धुआं करने की समझाइस दी है।
विभाग नें किसानों को कहा है कि वह धुएं के ऊपर आच्छादित होना जरूरी है। इसके अलावा खरपतवार नियंत्रित होना भी जरूरी है। खेतों में उगने वाले अनावश्यक व जंगली पौधे सूर्य की ऊष्मा भूमि तक पहुंचाने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। यह प्रयोग कर तापमान के असर को कुछ हद तक नियंत्रित कर सकता है।
विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि शुष्क भूमि मे पाला पड़ने का जोखिम होने के कारण फसलों में स्प्रिकलर के माध्यम से हल्की सिंचाई करे। थायो यूरिया की 5 सौ ग्राम मात्रा का एक हजार लीटर पानी में घोल बनकर 15-15 दिन के अंदर से छिड़काव भी पाले से बचाव के लिए उपयोगी है। 8 से 10 किलोग्राम सल्फर डस्ट प्रति एकड़ का भुरकाव अथवा बेटेवल या घुलनशील सल्फर सल्फर 3 ग्राम प्रतिलीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने से भी पाले के असर को कम किया जा सकता है।