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What is Ladli Laxmi Yojana 2.0: लाड़ली लक्ष्मी योजना 2 क्या है, कैसे पाएं लाभ
Ladli Laxmi Yojna 2.0: लड़कियों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से लाडली लक्ष्मी योजना की शुरुआत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई थी। फिलहाल इस योजना में कुछ बदलाव भी किए गए हैं। तो चलिए बताते हैं कि इस योजना का मकसद क्या है। साथ ही लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 में खास बात क्या है। प्रदेश की बेटियां इस योजना का किस तरह से लाभ पा सकती हैं।
लाडली लक्ष्मी योजना में कितनी राशि मिलती है
बालिकाओं की शिक्षा में किसी तरह की बाधा न आए इसके लिए लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 के अंतर्गत बालिका के नाम से शासन की ओर से 1 लाख 18 हजार रुपए का आश्वासन प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। लाडली बालिकाओं की उच्च शिक्षा के लिए शिक्षण शुल्क शासन की ओर से वहन किया जाता है। बालिका की आयु 21 साल पूर्ण होने पर, कक्षा 12वीं की परीक्षा में सम्मिलित होने पर और बालिका का विवाह, शासन की तरफ से एक लाख रुपए का अंतिम भुगतान किए जाने का प्रावधान योजना में शामिल है।
लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 का लाभ कैसे लें
लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 के अंतर्गत पंजीकृत बालिका को कक्षा छठवीं में प्रवेश पर 2 हजार रुपए, कक्षा नौवीं में प्रवेश पर 4 हजार, कक्षा 11वीं में प्रवेश पर 6 हजार और कक्षा 12वीं में प्रवेश पर 6 हजार रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इसके साथ ही लाडली बालिकाओं को कक्षा 12वीं के बाद स्नातक और व्यवसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने पर 25 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दो समान किश्तों में पाठ्यक्रम के प्रथम और अंतिम वर्ष में प्रदान की जाती है।
लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 के लिए आवेदन कैसे करें
लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 का लाभ पाने के लिए बालिका की समग्र आईडी और परिवार आईडी होना आवश्यक है। इसके साथ ही बालिका की माता-पिता के साथ तस्वीर और बालिका के लिए परिवार नियोजन प्रमाण पत्र जरूरी है। ऑनलाइन आवेदन करते समय इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि सभी दस्तावेजों की साइज 40केबी से 200 केबी के बीच हो। आवेदन के दौरान इससे कम या ज्यादा साइज मान्य नहीं है।
लाडली लक्ष्मी योजना के लिए कौन हैं पात्र
लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 के लिए वही बच्चियां पात्र हैं जिनका जन्म एक जनवरी 2006 या उसके बाद हुआ हो। बालिका का नाम स्थानीय आंगनबाड़ी केन्द्र में पंजीकृत होना आवश्यक है। साथ ही माता-पिता को मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए। वह आयकरदाता न हों। ऐसे माता-पिता जिनकी दो या दो से कम संतान हो, द्वितीय संतान के जन्म के बाद परिवार नियोजन अपनाया गया हो वह इसके लिए पात्र हैं। इसके साथ ही पहली बच्ची को माता-पिता के बिना परिवार नियोजन के इसका लाभ प्रदान किया जाएगा। जबकि दूसरी बेटी को परिवार नियोजन के बाद ही लाभ मिलेगा। इसके साथ ही यदि एक साथ तीन बच्चियों का जन्म होता है तो तीनों इसका लाभ पाने की हकदार हैं।