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MP में मौसम का हाल, संभाग में बारिश की चेतावनी, IMD का फोरकास्ट जारी
Weather Report: मौसम विज्ञान केंद्र पूरी तत्परता के साथ मानसून का पता लगाने में जुटी हुई है। ऐसा नहीं है कि मानसून कहीं खो गया है लेकिन मानसून की हर गतिविधि पर इस समय मौसम विभाग कड़ी नजर बनाए हुए हैं। या यूं कहें कि हवा के हर रूप को मौसम विज्ञान केंद्र परिभाषित करने में लगा हुआ है। मौसम विज्ञान का कहना है कि एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान के हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। एक चक्रवात का घेरा निर्मित हुआ है ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि 1 सप्ताह तक मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश होगी।
एमपी में बारिश कब तक
मौसम विज्ञान विभाग की माने तो आमतौर पर मध्य प्रदेश में मानसून की बारिश 15 जून के बाद शुरू हो जाती है। कई बार तो 15 जून तक ज्यादातर हिस्सों में मानसून की बारिश होने लगती है लेकिन इस बार अनुमान लगाया जा रहा है कि 15 जून के बाद मानसून मध्यप्रदेश में दस्तक देगा। प्रदेश में मानसून सक्रिय होने में 4 दिन का समय और लगेगा। कहने का मतलब यह है कि 18 से 20 जून तक मध्यप्रदेश में सक्रिय हो सकता है।
सामान्य तौर पर 1 जून को केरल में मानसून पहुंच जाता है लेकिन इस बार मानसून थोड़ा विलंब है। इस बार केरल में मानसून 4 जून को पहुंचने वाला है। मध्यप्रदेश में मौसम की इंट्री 20 जून तक बताइ जा रही है। लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार 5 महीने तक देश में मानसून का बेहतर असर रहेगा।
किन 7 संभागों में होगी बारिश
पश्चिमी विक्षोभ के असर से संभावना जताई जा रही है कि मध्य प्रदेश के 7 संभागों में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। हवाओं के साथ आ रही इस बात का संकेत दे रही है कि प्रदेश के भोपाल, नर्मदा पुरम, सागर, जबलपुर, ग्वालियर, और चंबल संभाग में बारिश हो सकती है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार तेज आंधी और बारिश की संभावना रही है। पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की वजह से 3 जून के बाद मध्यप्रदेश में हल्की बारिश हो सकती है। भोपाल सहित प्रदेश के इंदौर तथा अन्य कई बड़े शहरों में बारिश की संभावना। कुछ क्षेत्रों में बूंदाबांदी की चेतावनी जारी की गई है।