मध्यप्रदेश

Bodhi Tree Sanchi: एमपी का एक ऐसा पेड़ जिसकी दिन रात पहरेदारी होती है, लेकिन क्यों?

Bodhi Tree Sanchi: एमपी का एक ऐसा पेड़ जिसकी दिन रात पहरेदारी होती है, लेकिन क्यों?
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VVIP Tree in Madhya Pradesh: इस दरख़्त की सुरक्षा के लिए जवान चौबीसों घंटे तैनात रहते हैं, इसकी सुरक्षा में लाखों रुपए खर्च हो जाते हैं, लेकिन इस पेड़ में ऐसा क्या है जो दूसरे पेड़ों से इसे इतना VIP बना देता है

VVIP Tree in Madhya Pradesh: देश के हृदय प्रदेश यानी के मध्यप्रदेश में आने वाले जिले रायसेन के सांची में एक ऐसा पेड़ है जो VVIP है, अब आप सोचेंगे की पेड़ कैसे VVIP हो सकता है, ऐसा कैसा पेड़ है क्या उसमे पैसे उगते हैं? जी नहीं पेड़ में पैसे तो नहीं उगते लेकिन यह देश के लिए बहुत इम्पोर्टेन्ट दरख़्त है।

सांची में मौजूद बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन यूनिवर्सिटी (Sanchi University of Buddhist-Indic Studies) करीब 100 एकड़ की पहाड़ी क्षेत्र में फैली है. विश्वविद्यालय कैंपस में ही आध्यात्मिक उद्यान, नवग्रह गार्डन (Navgrah Garden sanchi) और राशि गार्डन भी हैं. इसी यूनिवर्सिटी में लोहे की लगभग 15 फीट ऊंची जाली के अंदर देश का सबसे वीवीआईपी पेड़ 'बोधि वृक्ष' (VVIP Tree in India) लगा हुआ है. बोधि वृक्ष (Bodhi Tree) की सुरक्षा में 24 घंटे चार गार्ड तैनात रहते हैं.

क्या है बोधि वृक्ष (What Is Bodhi Tree)


इस पेड़ का बहुत भौकाल है और यह अध्यात्म एवं इतिहास के नज़रिये से बेहद अहम है। हर 15 दिन में बोधि वृक्ष का मेडिकल चेकअप होता है, दरअसल यह पेड़ पवित्र माना जाता है, इसे 21 सितंबर 2012 को श्रीलंका के पूर्व प्रेजिडेंट महिंद्रा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) और भूटान देश के पूर्व प्रधानमंत्री जिग्मी योजर थिलंगे ने रोपा था। ऐसा माना जाता है कि तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व (BC) मौर्य सम्राट अशोक (King Ashoka) ने अपने बेटे महेंद्र और बेटी संघमित्रा को बोधि वृक्ष की एक टहनी देकर बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार करने के लिए श्रीलंका भेजा था। उन्होंने इस टहनी को श्रीलंका के अनुराधापुरम (Anuradhapuram) में रोपा था, जो आज भी मौजूद है. उसी पेेेड़ को सांची बौद्ध विश्वविद्यालय की जमीन पर लगाया गया है. इसी लिए यह इतना vvip है।

पेड़ की सुरक्षा में लाखों रुपए खर्च होते हैं।


इस पेड़ की बहुत खास देख-भाल की जाती है, जिस तरह इंसान के बीमार पड़ने पर उसे दवा और इंजेक्शन दिया जाता है ठीक वैसा ही ट्रीटमेंट बोधि वृक्ष के साथ होता है, हर 15 दिन में मेडिकल चेकअप होता है, दिन-रात सुरक्षा गार्ड इसकी निगरानी में तैनात रहते हैं। साल 2020 में बोधि वृक्ष बीमार पड़ गया था जिसके बाद इसे दवा दी गई और पेड़ फिर से स्वस्थ्य हो गया। राज्य सरकार हर साल इस पेड़ की देख-रेख में लाखों रुपए खर्च करती है।

बौद्ध धर्म को मानने वाले इस पेड़ के दर्शन करने के लिए सांची (World Heritage Sanchi)आते हैं, लेकिन किसी की इतनी मजाल नहीं होती है कि कोई पेड़ से टूटा हुआ एक पत्ता भी उठा कर अपनी जेब में रख ले, कोई पेड़ के नज़दीक भी नहीं जा सकता, पेड़ के चारो तरफ 15 फ़ीट ऊँची जाली बनाई गई है और बाहर सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं

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