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PSC Exam Free Training: एमपी का एक ऐसा गांव जहां युवाओं को पीएससी परीक्षा के लिए मिल रही निःशुल्क ट्रेनिंग, खाने के साथ रहना भी फ्री
मध्यप्रदेश में एक ऐसा गांव है जहां युवाओं को निःशुल्क पीएसपी परीक्षा के लिए ट्रेनिंग प्रदान की जा रही है। यहां उनको रहने के साथ ही खाने का इंतजाम करने की भी चिंता नहीं है सब कुछ फ्री में मुहैया कराया जा रहा है। छात्रों के अलावा उनके परिवार और हर समाज से जुड़े बच्चों को गाइडेंस भी प्रदान किया जाता है। बच्चों को ऐसा मंच भी प्रदान किया जाता है ताकि वह मंच से लोगों के बीच अपनी बात कुशाग्रता के साथ कह सकें।
25 युवा ले रहे निःशुल्क ट्रेनिंग
इंदौर से 15 किलोमीटर दूर खंडवा रोड पर सिमरोल से पहले कनाड़ गांव में युवाओं को निःशुल्क पीएससी परीक्षा के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। यहां एक भवन में 25 युवा रहते हैं जिनकी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है। प्रयास फाउंडेशन द्वारा इनके भविष्य को संवारने का कार्य किया जा रहा है। संस्था के अध्यक्ष सोमेश्वर खरे का कहना है कि अनुसूचित जनजाति के ऐसे युवा जो आर्थिक रूप से कमजोर रहते हैं, हम रूपांतरण नाम से ऐसे प्रतिभाशाली युवाओं को यहां पर पीएससी परीक्षा की ट्रेनिंग देने के साथ विशेष तैयारी करवाते हैं। यहां तक कि परीक्षा शुल्क तक संस्था वहन करती है। इसके साथ ही छात्रों का रहना, खाना, पढ़ाई, खेलकूद आदि भी फ्री रहती है।
पहले प्रयास में ही 7 से ज्यादा छात्र हुए उत्तीर्ण
प्रयास फाउंडेशन के रूपांतरण के तहत युवाओं को पीएससी परीक्षा की ट्रेनिंग फ्री में दी जा रही है। बताया गया है कि दो वर्ष पूर्व प्रारंभ हुए रूपांतरण में 9 छात्र शिक्षक वर्ग में नौकरी पा चुके हैं। पीएससी मेंस और मप्र वन सेना दोनों परीक्षाएं उत्तीर्ण कर छात्र रादेश ठकराला इंटरव्यू की तैयारी में जुटे हैं तो वहीं छात्र अंकेश रावत शिक्षक वर्ग और 7 से ज्यादा अन्य छात्रों द्वारा पहले ही प्रयास में पीएससी प्री उत्तीर्ण कर ली है। संस्था के हितेश चैहान का कहना है कि बजट बढ़ने पर विद्यार्थियों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही श्रेष्ठ शिक्षकों द्वारा आनलाइन कक्षाओं का भी संचालन किया जाएगा जो निःशुल्क रहेगा।
परीक्षा लेकर किया युवाओं का चयन
प्रशासनिक अधिकारी संतोष टैगोर भी संस्था से जुड़े हैं उनका कहना है कि पीएससी परीक्षा की निःशुल्क ट्रेनिंग देने के लिए युवाओं का चयन करने के लिए पीएससी स्तर की प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया। जिसमें 827 युवा शामिल हुए। विभिन्न चरणों पर परीक्षण के बाद 25 युवाओं का चयन ट्रेनिंग के लिए किया गया जिसमें 2 लड़कियां भी शामिल हैं। जिनको रूपांतरण में बेहतर शिक्षा प्रदान की जा रही है। लड़कियों को इंदौर के गल्र्स हाॅस्टल में रखा गया है वहीं पर उनको कोचिंग प्रदान की जा रही है। कनाड़ गांव में युवाओं की ट्रेनिंग के लिए उच्च स्तर की फैकल्टीज यहां पर नियमित रूप से पढ़ाने के लिए पहुंचती है।