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वीरा राणा हो सकती हैं एमपी की मुख्य सचिव: 29 को पूरा हो रहा मौजूदा CS इकबाल सिंह बैंस का कार्यकाल, निर्वाचन आयोग के फैसले का इंतजार
29 नवंबर यानी कल मध्यप्रदेश के मौजूदा मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस का कार्यकाल पूरा हो रहा है। बैस के कार्यकाल बढ़ाए जाने की स्थिति अभी तक साफ नहीं हो सकती है। ऐसे में माना जा रहा है कि मुख्य सचिव यानी सीएस के पद पर वीरा राणा की नियुक्ति हो सकती है।
अगर ऐसा हुआ तो वीरा मध्यप्रदेश की दूसरी महिला सचिव होंगी। इसके पहले राज्य की पहली महिला सीएस निर्मला बुच रही हैं। उनका कार्यकाल 22 सितंबर 1991 से 1 जनवरी 1993 तक रहा है। इसी साल की जुलाई में उनका निधन हुआ।
मौजूदा सीएस इकबाल सिंह बैंस को एक्सटेंशन दिए जाने की स्थिति अब तक साफ नहीं हो सकी है। चूंकि प्रदेश में आचार संहिता लागू है, इसलिए इस पर फैसला निर्वाचन आयोग ही ले सकता है। आयोग की ओर से संकेत मिले हैं कि नई सरकार बनने तक वरिष्ठता के आधार पर सीनियर अफसर को इसका चार्ज मिल सकता है। ऐसे में मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मण्डल की अध्यक्ष वीरा मीणा को प्रभार दिया जा सकता है।
वीरा राणा एमपी में पदस्थ आईएएस हैं। वे वर्तमान में मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मण्डल कि अध्यक्ष हैं और इकबाल सिंह बैंस के बाद राज्य की सबसे सीनियर अधिकारी हैं। मार्च 2024 में राणा का रिटायरमेंट भी है।
इकबाल सिंह बैंस को एक साल का मिला था एक्सटेंशन
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को 30 नवंबर 2022 को सेवानिवृत्त होना था। लेकिन इसके ठीक एक दिन पहले 29 नवंबर 2022 कि रात उन्हे 6 माह यानी 30 मई 2023 तक के लिए एक्सटेंशन दे दिया गया था। इसके बाद 30 मई 2023 करीब आई तो चुनावी समय होने की वजह से दोबारा 6 माह के लिए उनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया।
मई 2023 में बैंस को दूसरा एक्सटेंशन देने के पहले केंद्र में पदस्थ अजय तिर्की और अनुराग जैन के नामों को लेकर खासी चर्चा हुई थी। आयोग अगर केंद्र में पदस्थ अफसरों को मौका देता है तो CS बनने के लिए तिर्की का नाम भी सामने आ सकता है। तिर्की दिसंबर 2023 में रिटायर हो रहे हैं, जबकि अनुराग जैन का रिटायरमेंट अगस्त 2025 में होना है। जैन से भी सीनियर दो IAS संजय बंदोपाध्याय और वीरा राणा हैं। बंदोपाध्याय केंद्र में पदस्थ हैं। बंदोपाध्याय अगस्त 2024 में रिटायर होंगे।
नई सरकार के गठन होने तक कोई अल्पकालिक मुख्य सचिव बनेगा या फिर किसी की स्थायी तौर पर पोस्टिंग होगी, इसे लेकर भी IAS लॉबी में चर्चा जोरों पर है।