मध्यप्रदेश

रिंग रोड में जितने किलोमीटर दौड़ेगी गाड़ी केवल उतना ही लगेगा टोल, यह है नई व्यवस्था

Sanjay Patel
7 May 2023 4:05 PM IST
रिंग रोड में जितने किलोमीटर दौड़ेगी गाड़ी केवल उतना ही लगेगा टोल, यह है नई व्यवस्था
x
MP News: एमपी के जबलपुर में प्रदेश की पहली सबसे लंबी रिंग रोड वर्ष 2025 तक बनकर तैयार हो जाएगी। इस रिंग रोड में चार पहिया वाहन जितने किलोमीटर दौड़ेगा केवल उतना ही टोल देना होगा।

एमपी के जबलपुर में प्रदेश की पहली सबसे लंबी रिंग रोड वर्ष 2025 तक बनकर तैयार हो जाएगी। इस रिंग रोड में चार पहिया वाहन जितने किलोमीटर दौड़ेगा केवल उतना ही टोल देना होगा। इस रोड पर कहीं भी टोल नाके भी नहीं रहेंगे। इसमें नई व्यवस्था लागू रहेगी। टोल नाके की बजाय सीधे ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) के माध्यम से यह व्यवस्था बनाई जाएगी। जिसमें वाहन मालिक के नाम पर आवंटित फास्टैग के जरिए उसके बैंक खाते से राशि स्वतः कट जाएगी।

निर्धारित दूरी का ही देना होगा टोल

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की यह अत्याधुनिक व्यवस्था बनने के बाद चालकों को काफी राहत मिलेगी। उन्हें केवल निर्धारित दूरी तय करने का ही पैसा देना होगा। संस्कारधानी के चारों और 118 किलोमीटर लंबी रिंग रोड बनाने का कार्य प्रारंभ हो चुका है। हाल ही में केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने टोल नाकों को बंद करने की योजना का ऐलान भी किया है। ऐसे में अधिकारियों का मानना है कि आने वाले दिनों में राष्ट्रीय राजमार्ग में टोल नाके धीरे-धीरे बंद हो जाएंगे। रिंग रोड बनने के बाद यह व्यवस्था 2025 के बाद लागू होगी। समस्त सड़कों पर यह प्रक्रिया लागू होने में अभी वक्त है।

अभी लगता है पूरा टोल

वर्तमान समय की बात की जाए तो राष्ट्रीय राजमार्ग में 60 से 80 किलोमीटर के बीच एक टोल नाका बनाया गया है। जहां पर वाहन चालक को शुल्क अदा करना पड़ता है। ऐसे में 10 या 20 किलोमीटर का भी सफर करते हैं तो उन्हें पूरा टोल लगता है। ऐसे में उन्हें आर्थिक हानि होती है। किन्तु जो व्यवस्था बनाने की तैयारी की जा रही है उसमें जीपीएस सिस्टम लागू होने पर वाहन जैसे ही टोल रोड पर आएगा जीपीएस वाहन की लोकेशन ट्रैक कर लेगा। गाड़ी में फास्टैग लगा रहेगा। ऐसे में आने वाले समय में वाहनों में बैंक खाते की तरह न्यूनतम बैलेंस रखना अनिवार्य हो जाएगा।

यह है नई व्यवस्था

नई व्यवस्था लागू होने के बाद सड़क पर वाहन दौड़ते ही फास्टैग के माध्यम से निर्धारित शुल्क स्वतः ही कट जाएगा। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सोमेश बांझल के मुताबिक रिंग रोड पर जीपीएस के माध्यम से ही टोल काटने की योजना पर अमल जा रहा है। इस योजना में प्रति किलोमीटर के लिए एक राशि तय होगी। रिंग रोड में जगह-जगह प्रवेश और निर्गम सड़क होंगी जिनसे वाहन प्रवेश कर सकेंगे। वाहन जितने किलोमीटर रिंग रोड पर दौड़ेगा उस वाहन के फास्टैग से उतनी ही राशि कटेगी।

इनका कहना है

एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सोमेश बांझल के मुताबिक रिंग रोड में 20-21 पाइंट होंगे। जहां से राजमार्ग और शहर के अंदर से प्रवेश होगा। तकरीबन 2 रुपए 80 पैसे प्रति किलोमीटर के हिसाब से शुल्क निर्धारित होगा। जिसमें बदलाव निर्माण लागत के हिसाब से हो सकेगा। अभी सड़क पर कितना भी चलते हैं किंतु पूरा भुगतान टोल नाके पर करना होता है। किंतु यहां पर अब ऐसा नहीं होगा। यह व्यवस्था वाहन चालकों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी।

Next Story