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एमपी की यह पंचायत बनी मिसाल, बिना चुनाव के ही महिलाओं के हाथ हुई गांव की सरकार, पंच-परमेश्वर बनी महिलाएं
MP News: मध्यप्रदेश की आदमपुर छावनी पंचायत पहली ऐसी पंचायत बन गई है, जिसने एक साथ कई रिकार्ड अपने नाम कर लिए है। इस पंचायत में अब चुनाव नहीं होंगे। तो वही इस ग्राम पंचायत की पंच-परमेश्वर महिलाएं हो गई हैं यानि की गांव की कमान महिलाओं के हाथ में सौंपी गई है। वह भी निर्विरोध।
प्रदेश की राजधानी से लगा हुआ है पंचायत
एमपी की यह आदमपुर छावनी पंचायत प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगी हुई है और 10 किलोमीटर की दूरी पर है। इस पंचायत में पहली बार सरपंच और 20 पंच निर्विरोध चुने गए। ये सभी महिलाएं हैं। 22 वर्ष की कृष्णा रावत इस ग्राम पंचायत की सरपंच चुनी गई हैं। जानकारी के अनुसार इस गांव की आबादी तकरीबन 4 हजार है। भोपाल से जुड़ी होने के कारण यह पंचायत कई मुद्दों को लेकर चर्चा में रहती है।
चर्चा में आई पंचायत
इस बार यह निर्विरोध और महिला पंच-सरपंच के चुने जाने से सुर्खियों में आ गई है। संभवतः प्रदेश की पहली पंचायत है, जहां पंच-सरपंच सभी महिलाएं होंगी, सभी निर्विरोध चुनी गईं। इसके पूर्व सगुनबाई सरपंच थीं, लेकिन पंचों में पुरुष भी शामिल थे, जबकि इस बार सरपंच और पंच सभी महिलाएं है।
गांव की बहू बनी सरपंच
गांव की बहू कृष्णा रावत इस बार गांव की सरपंच चुनी गई है। वे पढ़ी-लिखी और पोस्ट ग्रेजुएट हैं। उन्होंने एमए यानि की स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है। कृष्णा की डेढ़ वर्ष पहले ही शादी हुई। पढ़ी लिखी कृष्णा अभी तक गृहणी रही है। अब पूरी पंचायत की कमान उन्हे सौंपी गई है। पंचायत में पहली बार महिला, अनुभव और युवा जोश जनप्रतिनिधि का चुनाव करके गांव को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हो गया है।
सरपंच और पंचों के एक-एक ही पहुंचे फार्म
4 जून को सरपंच के लिए जो नामांकन दाखिल किया गया था। खबरों के अनुसार उसमें कृष्णा को छोड़ अन्य किसी ने भी दावेदारी नहीं की। इतना ही नही पंच पदों पर भी एक-एक नामांकन ही दाखिल हुए। इसलिए सभी निर्विरोध चुन ली गईं। मिसाल कायम करने के बाद गांव में जश्न का माहौल है।
मूलभूत सुविधाएं तैयार करेगी कृष्णा
निर्विरोध सरपंच चुनी गईं कृष्णा का कहना है कि गांव में आंगनवाड़ी केंद्र की शुरूआत करने, पक्की सड़कें और नालियों का निर्माण तथा नल-जल योजना को और बेहतर ढंग से चलाएंगे। ताकि, घरों में पानी पहुंच सके। निर्माणाधीन गोशाला को जल्द पूरा कराएंगे। इससे गोवंश इधर-उधर नहीं भटकेंगे। गांव के लोगों की सहमति से विकास कार्य करवाएंगे। सरपंच के लिए एक मात्र प्रत्याशी कृष्णा का कहना है कि सरकार के द्वारा घोषित पुरस्कार की राशि को भी गांव के विकास में लगाएंगे।