मध्यप्रदेश

एमपी की ऐसी महिला आरक्षक जिसने छात्रा बनकर हाॅस्टल व कैंटीन में जुटाए सबूत, रैगिंग के आरोपियों को ढूंढ़ निकाला

Sanjay Patel
5 Feb 2023 4:58 PM IST
एमपी की ऐसी महिला आरक्षक जिसने छात्रा बनकर हाॅस्टल व कैंटीन में जुटाए सबूत, रैगिंग के आरोपियों को ढूंढ़ निकाला
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एमपी की महिला आरक्षक द्वारा रैगिंग के आरोपियों को पकड़ने के लिए नायाब तरीका ईजाद किया गया। रैगिंग कांड की तह तक पहुंचने के लिए वह छात्रा बन गईं और कैंटीन व हाॅस्टल में बैठी रहीं।

एमपी की महिला आरक्षक द्वारा रैगिंग के आरोपियों को पकड़ने के लिए नायाब तरीका ईजाद किया गया। रैगिंग कांड की तह तक पहुंचने के लिए वह छात्रा बन गईं और कैंटीन व हाॅस्टल में बैठी रहीं। इस दौरान उनके द्वारा रैगिंग के झूठे किस्से भी सुनाए गए और रैगिंग लेने वाले सीनियर छात्रों के खिलाफ सबूत इकट्ठा किए गए। जिसका परिणाम यह रहा कि वह इसमें शामिल छात्रों तक पहुंच गईं और 11 सीनियर छात्रों के रैगिंग में शामिल होने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

क्या है मामला

मामला इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल काॅलेज से जुड़ा हुआ है। यहां रैगिंग कांड का खुलासा करने के लिए पुलिस को अच्छी खासी मशक्कत करनी पड़ी। जिन जूनियर छात्रों द्वारा रैगिंग के आरोप लगाए गए थे वह बयान देने से मुकर गए। संयोगितागंज टीआई तहजीब काजी के अनुसार जूनियर छात्रों ने सीधे यूजीसी को शिकायत भेजी थी। जिस पर यूजीसी द्वारा एफआईआर करवा दी गई। जिसके बाद सीनियर छात्रों ने जूनियरों से समझौता कर लिया। जिसके कारण जिन छात्रों ने शिकायत भेजी थी वह अपना कथन देने से मुकर गए। जबकि कुछ छात्रों ने यह कहा कि रैगिंग तो हुई थी किंतु उनका हुलिया और और नाम वह नहीं जानते हैं।

महिला आरक्षक शालिनी चौहान बन गईं छात्रा

रैगिंग के आरोपियों की पतासाजी के लिए पुलिस द्वारा संयोगितागंज थाने में तैनात महिला आरक्षक शालिनी चौहान को एमजीएम मेडिकल कालेज, कैंटीन और कैफे भेजा गया। अपनी कद-काठी के हिसाब से यह छात्रा ही नजर आती थीं। इस दौरान शालिनी सादे कपड़ों में स्कूल बैग अपने साथ लेकर जाती थीं। कैंटीन में उनके द्वारा छात्र-छात्राओं से दोस्ती करते हुए रैगिंग का जब जिक्र गया तो काॅलेज हाॅस्टल में रैकिंग होने की पुष्टि हुई।

तीन महीने करनी पड़ी मशक्कत

महिला आरक्षक शालिनी चौहान के साथ प्रधान आरक्षक कालीचरण और रिंकू भदौरिया के अनुसार आरोपियों को पकड़ने के लिए उनके द्वारा तीन महीने कड़ी मशक्कत की गई। उनके द्वारा रैगिंग लेने वालों का पीछा करना प्रारंभ किया गया। जैसे ही सीनियर छात्रों द्वारा रैगिंग लिए जाने के तथ्य मिले पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। टीआई के मुताबिक रैगिंग में शामिल रोमन पाटीदार, प्रभात सिंह, उज्जवल पाण्डेय, ऋषिराज, देवव्रत गुप्ता, शैलेष शर्मा, चेतन वर्मा, शुभांकन मिश्रा, राहुल पटेल और प्रियम त्रिपाठी को गिरफ्तार किया गया है।

इस तरह की गिरफ्तारी

बताया गया है कि इंदौर के गीता भवन और लालाराम नगर स्थित फ्लैट पर बुलाकर सीनियर छात्रों द्वारा जूनियरों की रैगिंग ली जाती थी। इस दौरान उन्हें पुलिस की तरकीब का पता चल गया तो वह वकीलों के संपर्क में आ गए। कुछ ने तो लोकेशन और काल डिटेल का बहाना बनाया कि उनके खिलाफ साक्ष्य ही नहीं है। हालांकि इसके पूर्व पुलिस द्वारा कुछ पीड़ितों के कथन भी लिए जा चुके थे। पुलिस ने कथन के बहाने बुलाया और नोटिस देकर जमानत पर छोड़ दिया गया।

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