मध्यप्रदेश

एमपी में अब नहीं घूमेंगे आवारा पशु, सरकार ने कर दी यह व्यवस्था लोग ढूंढकर बांधेगे पशु, मंजूर किए 64.96 करोड रुपए

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आवारा पशु किसानी के लिए अभिशाप बनते जा रहे है। लेकिन इस समस्या का निदान करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार कई उपाय कर रही है।

आवारा पशु किसानी के लिए अभिशाप बनते जा रहे है। लेकिन इस समस्या का निदान करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार कई उपाय कर रही है। सरकार द्वारा कराए गए सर्वे में पता चला कि आवारा पशु के संबंध में पशुओं का इलाज एक सबसे बड़ी समस्या है। इसलिए सरकार ने पशुओं के इलाज के लिए बेहतर प्रबंध करने का निश्चय किया। इसके लिए केंद्र से भी सहयोग मांगा गया था। जिस पर केंद्र सरकार ने हरी झंडी देते हुए पहली किस्त के रूप में 64.96 करोड रुपए मंजूर किए हैं।

406 मोबाइल पशु चिकित्सा यूनिट मंजूर

पशुपालकों को पशुपालन में कोई भी इक्कत न हो इस बात को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने 406 मोबाइल पशु चिकित्सा यूनिट मंजूर की है। उक्त जानकारी पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने दी है।

पशुपालन मंत्री का कहना है कि गांव में कई किसान ऐसे हैं जो पशुओं का बेहतर इलाज न करवाने की वजह से उन्हें खुला छोड़ देते हैं। अगर पशुओं के विकास पर ध्यान देते हुए किसानों को सरल और सहज पशु चिकित्सा का सहयोग मिले तो अवश्य ही पशुपालन बढ़ेगा।

1 लाख पशुओं पर यह सुविधा

मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई संचालन के प्रारंभिक दौर पर 1 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई का संचालन किया जाएगा। इस मोबाइल पर चिकित्सा इकाई में अत्याधुनिक उपकरण के साथ ही स्टाफ मौजूद रहेंगे। जिसमें एक पशु चिकित्सक, एक पैरावेट, एक वाहन चालक जो सह सहायक का भी कार्य करेगा।

मिले हैं 64 करोड

पशुपालन मंत्री श्री पटेल ने बताया कि की पहली किस्त में 64.96 करोड रुपए मिले हैं। इन पैसों से पशुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए बनने वाली वैन में लघु शल्य चिकित्सा, कृतिम गर्भाधान, रोग अन्वेषण से संबंधित जांच उपकरण तथा पशुधन उपयोगिता के संबंध में प्रचार प्रसार किया जाएगा।

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

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