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रीवा के विकास द्विवेदी ने वो कर दिया जो सबके बस की बात नहीं है, करेजा चाहिए
SRT Ultra Marathon: मध्य प्रदेश के रीवा जिले के रहने वाले विकास कुमार द्विवेदी ने कमाल का काम किया है, देश की सबसे मुश्किल मैराथॉन में उन्होंने दूसरा स्थान हासिल किया है, विकास ने वो कारनामा किया है जो सबके बस की बात नहीं होती है. कह लीजिये के रीवा के प्रतिभावान लोगों की लिस्ट में विकास का नाम जुड़ गया है।
अब आप सोच रहे होंगे कि मैराथॉन तो होती रहती है इसमें कौन सी बड़ी बात है "हमू दौड़ लेब 2-4 चक्कर, अउ जीत जाब" लेकिन मेरे मित्र ये रेस थोड़ा विचित्र है, इसके लिए शरीर में बहुत दम चाहिए और सबसे ज़रूरी रेस पूरी करने के लिए करेजा चाहिए मतलब जज्बा होना मांगता है बॉस..
क्या है SRT मैराथॉन
ये देश की सबसे मुश्किल रेस होती है जिसमे प्रतिभागियों को उबड़-खाबड़, टेढ़े-मेढ़े रास्तों में दौड़ना पड़ता है और वो भी पहाड़ियों में जहां इंसान 4 कदम चल ले तो पलई चलने लगे मतलब सांस फूलने लगे. आपको बता दे कि भारत के पश्चिमी तट में मौजूद सह्याद्रि पर्वत शृंखला में SRT Ultra Marathon 2022 का आयोजन हुआ था। दक्कनी पठार के पश्चिम किनारे के साथ साथ यह माउंटेन रेंज 1600 किलोमीटर लम्बी है। रनिंग फाउंडेशन के द्वारा यहां मैराथॉन का आयोजन किया गया था।
इस मैराथॉन में प्रतिभागियों को 25 किलोमीटर की दूरी निर्धारित समय के अंदर दौड़ लगा कर पूरी करनी पड़ती है, मतलब ऐसा कोई चिकनी सड़क में दौड़ नहीं होती, पहाड़ के चोटी में लोग भागते हैं। इस मैराथॉन में 3 किले शामिल थे. जिसमे "सिंहगढ़" "राजगढ़" और "तोरणा" शामिल थे, यह तीनों पॉइंट कभी मराठा साम्राज्य के मुख्य स्तम्भ माने जाते थे। खेर इस रेस में प्रतिभागी सहाद्रि की सुंदरता के बीच कठोरता का भी सामना करता है, कहीं गहरी खाई होती है तो कहीं पथरीला रास्ता होता है, कहीं ढलान होती है तो कहीं तीखी चढ़ाई होती है। और जो सबसे पहले रेस पूरी करता है उसको बहुत सम्मानित किया जाता है।
इसी मुश्किल मैराथॉन में विकास कुमार द्विवेदी ने सेकेंड पोजीशन पा कर एक दम भौकाल चमका दिया है। और उन्हें इसके बलदे ऑर्गनाइजर्स ने अवार्ड भी दिया है। विकास कुमार द्विवेदी ने अपनी सफलता के पूरा श्रेय अपने पिता मालिक द्विवेदी और अपनी माता को दिया है.