मध्यप्रदेश

Sphatik Shivling: एशिया के एकमात्र सबसे बड़े स्फटिक शिवलिंग, मध्यप्रदेश के इस जिले में स्थापित हैं, देखें दुर्लभ तस्वीर

Sphatik Shivling: एशिया के एकमात्र सबसे बड़े स्फटिक शिवलिंग, मध्यप्रदेश के इस जिले में स्थापित हैं, देखें दुर्लभ तस्वीर
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शिव हर रूप में समान हैं, शिव की अराधना सर्वोच्च हैं, शिव सर्वशक्तिमान हैं, शिव सर्वत्र हैं। शिवलिंग मिट्टी का हो या सृष्टि के किसी अन्य कण का वे सब में समान रूप से व्याप्त हैं।

Asia's largest crystal shivling: स्फटिक शिवलिंग (Sphatik Shivling) के पूजन को हिन्दू धर्मग्रंथों बहुत ही अच्छा माना गया है, इसके पूजन मात्र से मनवांछित फल प्राप्त होता है। ये शिवलिंग प्राकृतिक रूप से स्फटिक शिवलिंग (Natural Sphatik Shivling) काफी ज्यादा दुर्लभ होते हैं, इनके दर्शन बहुत ही कल्याणकारी होते हैं और धन धान्य की प्राप्ति होती हैं, क्योंकि इसमें माता लक्ष्मी का निवास माना जाता है। ऐसे ही एक दिव्य शिवलिंग के बारें में हम आपको बताने जा रहें हैं जो की मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में स्थित हैं, जो की एशिया का सबसे बड़ा स्फटिक शिवलिंग हैं;

एशिया का सबसे बड़ा स्फटिक शिवलिंग कहाँ है?



Asia's largest crystal Shivling? मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में दुनिया का सबसे अनूठा और आकर्षक स्फटिक शिवलिंग स्थापित है.इसकी स्थापना सिवनी निवासी एवं द्वि पीठाधीश्वर शंकाराचार्य श्री स्वरूपानंद जी महाराज द्वारा की गई है। इसे एशिया व दुनिया के सबसे बड़े स्फटिक शिवलिंग में गिना जाता है, इसकी स्थापना दिनांक 15 से 22 फरवरी 2002 में की गई थी, और यहाँ एक साप्ताहिक धार्मिक मेले का आयोजन भी किया गया था, जिसके दौरान भारत के समां पीठों के शंकराचार्य व देश के सभी महान धर्माचार्यों की उपस्थिति में वैदिक मंत्रोच्चार के बाद स्थापित किया गया था। बात की जाये की इतने बड़े स्फटिक शिवलिंग को कहाँ से लाया गया था? तो इस शिवलिंग को कश्मीर से लाया गया था। स्फटिक का शिवलिंग बर्फीली चट्टानों के नीचे दबे रहने से निर्मित होता है।

सिवनी रत्नेश्वरधाम मंदिर

Sivni Ratneshwar Dham Temple: जानकारी के अनुसार शंकराचार्य स्वरूपानंद महाराज जी का जन्म सिवनी जिले के दिघोरी ग्राम में हुआ था, ठीक उसी गाँव में मंदिर का निर्माण कराया गया और इस शिवलिंग को स्थापित किया गया है, इस मंदिर के मार्ग पर ग्राम राहीवाडा बसा है। मंदिर के पश्चिम में विशाल द्वारा है, तथा मुख्यद्वार पर शंकर भगवान विराजित हैं, मुख्य मार्ग से पश्चिम दिशा में 8 किलोमीटर की दूरी पर दिघोरी ग्राम पड़ता है, जहाँ पर गुरु रत्नेश्वर धाम का विशाल मंदिर है, इस मंदिर को दक्षिण शैली में बनाया गया है, मंदिर के सीढ़ी चढ़ते ही एक हाल है जिसमें नंदी विराजमान हैं, और सामने ही गर्भगृह में स्फटिक शिवलिंग (Sphatik Shivling) स्थापित हैं, जहाँ देश भर से लोग इन दिव्य शिवलिंग के दर्शन करने आते हैं। मकर संक्राति एवं महाशिवरात्रि को मेला भरता है। मंदिर के पास से पवित्र वैनगंगा नदी बहती है।

रत्नेश्वर धाम कैसे जाएँ

How to reach Ratneshwar Dham: यह मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में स्थित है। मंदिर दिघोरी (गुरूधाम) में स्थापित है। यह शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी की जन्म स्थली है। दिघोरी भारत के राज्य मध्यप्रदेश के अन्तर्गत सिवनी जिले से 16 किलोमीटर ग्राम राहीवाडा से पश्चिम दिशा मे गुरुधाम दिघोरी 8 किलोमीटर पर स्थित है यह एक ग्राम पंचायत है।

स्फटिक क्या है?

What is crystal? स्फटिक एक रंगहीन, पारदर्शी, शीतल प्रभाव वाला उपरत्न होता है, इसे विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे- 'सफ़ेद बिल्लौर', अंग्रेज़ी में 'रॉक क्रिस्टल', संस्कृत में 'सितोपल', शिवप्रिय, कांचमणि और फिटक आदि। ये देखने में कांच जैसा मालूम पड़ता है लेकिन ये कांच की तुलना में दीर्घजीवी होता है। यह धार्मिक महत्व का रत्न है जिसमें माता लक्ष्मी का माना जाता है कहते हैं स्फटिक माला से जप करने पर तंगी दूर होती है। यह स्त्री और पुरुष दोनों दोनों को स्वस्थ्य रखता है तथा शारीरिक दुर्बलता को दूर करता है।

Ankit Pandey | रीवा रियासत

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