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Shri Hanuman Lok: एमपी के भिंड स्थित दंदरौआ धाम में 250 बीघा में बनेगा श्री हनुमान लोक, श्रद्धालुओं को यह मिलेंगी सुविधाएं
Shri Hanuman Lok: मध्यप्रदेश के भिंड स्थित दंदरौआ धाम में 250 बीघा में हनुमान लोक का निर्माण कराया जाएगा। जिसका डिजाइन भी तकरीबन फाइनल कर लिया गया है। हनुमान लोक के लिए जो डिजाइन और प्रपोजल तैयार किया गया है। उसके मुताबिक यहां मेडिकल सेवा से लेकर स्कूल, लाइब्रेरी और ओल्ड एज होम भी तैयार होगा। प्रपोजल को दंदरौआ धाम न्यास अंतिम मंजूरी के लिए सरकार को भेजने की तैयारी में है।
लगेगा बायोमेट्रिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम
भिंड के दंदरौआ धाम में बनने वाले श्री हनुमान लोक में सुरक्षा के लिहाज से बायोमेट्रिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम लगाया जाएगा। मंदिर में प्रति वर्ष 30 लाख लोग इलाज के लिए आते हैं। प्रतिदिन आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भंडारा घर भी होगा। भंडारे में एक बार में 4 हजार लोग भोजन प्रसादी ग्रहण कर सकेंगे। जिसके लिए चार हॉल बनाए जाएंगे। प्रत्येक हॉल की क्षमता एक हजार लोगों के हिसाब से रहेगी।
हाईटेक होगा हनुमान लोक
हनुमान लोक में तीन ब्लॉक बनाए जाएंगे। यहां श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग तरह की सुविधाएं मौजूद रहेंगी। टेक्नॉलोजी के लिहाज से भी यह काफी हाईटेक होगा। यहां सोलर पैलन के साथ सोलर वाटर हीटर्स, सोलर स्ट्रीट लैंप और इंडिकेटर्स, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, बायोमेट्रिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम, बायो गैस कल्टीवेशन सिस्टम, स्क्रीनिंग सिस्टम, सीसीटीवी कैमरा, ऑटोमेटिक स्लाइडर वीआईपी मेन गेट सिस्टम आदि मौजूद रहेंगे। धाम के महंत रामदास महाराज ने श्री हनुमान लोक के लिए लोगों से सुझाव भी मांगे हैं जिसके आधार पर डिजाइन में कुछ बदलाव भी संभव हो सकेगा।
डिजाइन फाइनल, बदलाव संभव
दंदरौआ धाम के ट्रस्टी महेश मुद्गल के मुताबिक श्री हनुमान लोक 250 बीघा में बनेगा। जरूरत पड़ने पर जगह को और भी बढ़ाया जा सकता है। इसकी डिजाइन भी लगभग फाइनल है। जिसके लिए लोगों से सुझाव भी मंगाए गए हैं। जिसके आधार पर कुछ बदलाव भी हो सकता है। प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए सरकार की ओर भेजने की तैयारी है।
1938 में मिली थी प्रतिमा
दंदरौआ गांव के तालाब में हनुमानजी की प्रतिमा कुंवर अमृत सिंह गुर्जर को 1938 में मिली थी। जिन्होंने प्रतिमा को नीम के नीचे स्थापित कराई। इसके बाद पूजा-अर्चना प्रारंभ की गई। उस दौर में लोगों की छोटी-मोटी बीमारियां मात्र हनुमानजी के दर्शन से ठीक हो जाती थीं। जिससे इनकी ख्याति बढ़ती चली गई। उस दौर में मंदिर के महंत पुरुषोत्तम दास हुआ करते थे। वर्तमान महंत रामदास महाराज उनके शिष्य हैं। हालांकि महंत रामदास के अनुसार प्रतिमा का प्राकट्य 1532 में हुआ है। ऐसा बताया जाता है कि मंदिर में स्थापित हनुमानजी की दुर्लभ प्रतिमा है जो कि सखी रूप में है। इनके दर्शन के लिए एमपी ही नहीं उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान समेत कई स्टेट के श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।
डॉक्टर हनुमान की मिली है उपाधि
एमपी के भिंड जिले के मेहगांव अंतर्गत ग्राम दंदरौआ धाम स्थित है। जहां के हनुमानजी की ख्याति देश भर में है। यह एकमात्र हनुमानजी का मंदिर है जहां सखी रूप में हनुमानजी के प्रतिमा की पूजा की जाती है। श्रद्धालुओं का दावा है कि यहां हनुमानजी के दर्शन करने से कैंसर जैसी बीमारी से लोगों को निजात मिली है। यही वजह है कि श्रद्धालु यहां हनुमानजी को डॉक्टर हनुमान की उपाधि देकर पुकारते हैं।