मध्यप्रदेश

MP के इस जिले में लगी धारा 144, कलेक्टर ने जारी किये आदेश, फटाफट से करें चेक कहीं आपका जिला तो नहीं?

Sanjay Patel
13 Feb 2023 5:35 PM IST
MP Dhara 144 News
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MP News: सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक वैमनस्यता फैलाने वाली सामग्री पोस्ट करना अब महंगा पड़ेगा। बालाघाट कलेक्टर ने इस संबंध में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।

Balaghat Dhara 144 News: सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक वैमनस्यता फैलाने वाली सामग्री पोस्ट करना अब महंगा पड़ेगा। बालाघाट कलेक्टर ने इस संबंध में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। जिसमें कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट बालाघाट (Balaghat) ने संहिता 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिले की सम्पूर्ण सामान्य के स्वास्थ्य हित एवं लोक शांति को बनाए रखने हेतु सोशल मीडिया, सामाजिक अथवा व्यक्तिगत रूप से आपत्तिजनक व अश्लील संदेशों, चित्र, वीडियो और किसी भी तरह का मैसेज भेजने पर रोक लगा दी है।

इसमें किसी प्रकार से आपत्तिजनक हो तथा जिससे समाज के विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्यता उत्पन्न हो। साम्प्रदायिक सद्भाव को खतरा, आतंकवाद, जातिवाद, साम्प्रदायिकता से संबंधित हों। महिला एवं अल्पसंख्यक वर्ग या समुदाय जाति विशेष के विरुद्ध प्रतिकूल टिप्पणी, कानून व्यवस्था की स्थिति करने से संबंधित के साथ ही अफवाह को उद्वेलित करना शामिल है।

पुलिस अधीक्षक ने भेजा था प्रतिवेदन

कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी बालाघाट को पुलिस अधीक्षक द्वारा पत्र भेजा गया था। जिसमें यह प्रतिवेदित किया गया कि जिला बालाघाट नगर घनी आबादी वाला शहर है। जिले में आदिवासी बाहुल्यता तथा जिले के कई हिस्से नक्सल प्रभावित होने के कारण जिला अति संवेदनशील बना रहता है। समय-समय पर जिले में विशिष्ट व्यक्तियों का भी आवागमन बना रहता है।

जिलेवासियों द्वारा सभी धार्मिक त्योहार बड़ी संख्या में धूमधाम से मनाए जाते हैं। परंतु विगत वर्षों में ऐसे प्रकरण सामने आए हैं जब छोटे-छोटे विवादों पर साम्प्रदायिक एवं जातिगत मतभेद एवं प्रतिरोध की स्थितियां निर्मित हुई हैं। जिसमें सोशल मीडिया का उपयोग भ्रम फैलाने हेतु सामाजिक तत्वों द्वारा व्यापक स्तर पर किया गया था।

सोशल मीडिया का करते हैं दुरुपयोग

पुलिस अधीक्षक बालाघाट द्वारा कलेक्टर को भेजे गए पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि साम्प्रदायिक एवं जातिगत प्रतिरोध तथा हिंसा की परिस्थितियों में असमाजिक तत्वों द्वारा सोशल मीडिया WhatApp, Facebook, Instagram, Twitter आदि का दुरुपयोग भ्रम फैलाने, अफवाहों को प्रसारित करने तथा जातिगत एवं सामाजिक विद्वेष तथा हिंसा प्रेरित करने के लिए किया जाता है।

कुछ दिनों पूर्व माननीय उच्च न्यायालय द्वारा एक जघन्य अपराध के मुख्य आरोपी को दी गई जमानत के कारण जाति विशेष के असमाजिक तत्वों द्वारा सोशल मीडिया साईट्स के माध्यम से सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने एवं विभिन्न पक्षों के मध्य वैमनस्यता की स्थिति निर्मित करने हेतु तरह-तरह के आपत्तिजनक संदेश, चित्रों व वीडियो व आॅडियो मैसेज, सूचनाओं को प्रकाशित किए जाने की प्रबल संभावना है।

यह आदेश जारी करने किया था अनुरोध

पत्र में लेख किया गया था कि असमाजिक तत्वों द्वारा इन सोशल साईट्स पर आपत्तिजनक वैमनस्यता फैलाने वाली सामग्री पोस्ट करने व उस पर होने वाले कमेंट्स, क्रास कमेंट्स, फारवर्डिंग आदि के कारण दुर्भावना का संचार होता है। जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित होने की संभावना बनी रहती है। कई परिस्थितियों में कानूनी कार्यवाही किए जाने हेतु किसी प्रकार का दाण्डिक अधिरोपित करने का प्रावधान उपलब्ध नहीं होता है। इन समस्त कारणों से मानव जीवन में लोग संपत्ति के क्षति की संभावना के साथ ही लोक शांति भंग होने की प्रबल संभावना होती है। इस प्रकार की असामाजिक गतिविधियों पर अंकुश लगाए जाने की अत्यंत आवश्यकता है। सोशल मीडिया के उपरोक्त माध्यमों से असामाजिक तत्वों द्वारा विभिन्न समुदायों के मध्य प्रतिरोध, वैमनस्यता तथा तरह-तरह के आपत्तिजनक संदेश, चित्रों व वीडियो एवं आडियो मैसेज पर संपूर्ण जिले में दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 जा.फौ. अंतर्गत आदेश जारी करने का अनुरोध किया था।

कलेक्टर ने जारी किया प्रतिबंधात्मक आदेश

एसपी से प्राप्त प्रतिवेदन कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डाॅ. गिरीश कुमार मिश्रा ने बालाघाट में दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिले की सम्पूर्ण सामान्य के स्वास्थ्य के हित एवं लोक शांति बनाए रखने हेतु सोशल मीडिया, सामाजिक अथवा व्यक्तिगत रूप से आपत्तिजनक व अश्लील संदेशों, चित्र, वीडियो आदि किसी भी तरह का मैसेज प्रकाशित करने को लेकर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। कलेक्टर ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि यह जानमाल की सुरक्षा तथा भविष्य में लोकशांति भंग होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए है। इतना समय उपलब्ध नहीं है कि जन सामान्य व इससे संबंधित सभी पक्षों की तामीली की जा सके। अतः यह आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144(2) के तहत पारित किया जाता है। कलेक्टर द्वारा यह आदेश 10 फरवरी को जारी किया गया जो आगामी दो माह तक प्रभावशील रहेगा। उक्त अवधि में इसका उल्लंघन धारा 188 भारतीय दण्ड विधान अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आएगा।

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