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SATNA CONGRESS विधायक Siddharth Kushwaha पर हुए FIR पर गुस्से में आए AJAY SINGH RAHUL, भाजपा को दी चेतावनी
SATNA CONGRESS विधायक Siddharth Kushwaha पर हुए FIR पर गुस्से में आए AJAY SINGH RAHUL, भाजपा को दी चेतावनी
SATNA । कोरोन LOCKDOWN के दौरान जरूरतमंदों को दो जून का भोजन देने की राजनीति अब उबाल पर आती जा रही है। पहले दल विशेष के लोगों ने अपने-अपने लाभ के लिये वितरण व्यस्था को अपने हाथ में लेने की कोशिश की। इसके बाद आरोप प्रत्यारोप का दौर वितरण व्यवस्था को लेकर चला। मंगलवार को नई बस्ती में पात्रों को भोजन नहीं मिलने की बात करते हुए भोजन के इंतजार में बैठे लोगों के साथ आकर बैठने वाले CONGRESS विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा पर FIR दर्ज होने के बाद से अब सियासी रंग और गहरा होता जा रहा है।
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कांग्रेश शासन काल में विधायक सिद्धार्थ से दूरी रखने वाले पूर्व CONGRESS नेता प्रतिपक्ष AJAY SINGH ने FIR पर आपत्ति जताई है। इसका असर जो भी हो लेकिन राजनीतिक हल्के में इसके मायने निकाले जाने शुरू हो गए हैं।
यह कहा AJAY SINGH ने
CONGRESS विधायक पर SATNA पुलिस द्वारा आपराधिक प्रकरण दर्ज किये जाने पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष AJAY SINGH ने कड़ा एतराज जताते हुये कहा है कि भाजपा सरकार यह न समझे कि उसे जनता ने चुना है। यह जनता की सरकार नही बल्कि चोरी करके बनाई गयी सरकार है इसलिए चोरी उपर से सीना जोरी को बर्दाश्त नही किया जायेगा।
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CONGRESS विधायक उन गरीबों की आवाज को उठा रहे थे जिनके बच्चे भूख से बिलबिला रहे थे। लेकिन लगातार 15 साल तक मलाई खाने वाले लोग क्या जानें कि भूख क्या होती है। शायद इसीलिये वो डंडे के दम पर पेट की आग को शांत करना चाहते हैं। सरकारी दावे के विपरीत गरीब आदमी मौत की परवाह न करते हुये अपने और अपने बच्चों के लिये पुलिस की लाठी खाकर भी अपने हिस्से की रोटी के लिए सड़क पर आ रहा है। ऐसी घटना का विरोध करते हैं।
इधर सुधीर सिंह के तेवर हुए तल्ख
वरिष्ठ CONGRESS नेता सुधीर सिंह तोमर ने भी कल की घटना पर आपत्ति जताई है। कहा, नई बस्ती में कल जो हुआ वह नहीं होना चाहिए। इसमें विधायक SATNA की कोई गलती नहीं है। भोजन से बेहाल जनता जनता परेशान थी। उनके अपने मोहल्ले और विधानसभा क्षेत्र की बात है और वे निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं ऐसे में उनके साथ खड़ा होना उनका फर्ज है। वक्त पर पहुंच कर उन्होंने बड़ी घटना को रोका ऐसे में उनपर ही FIR गलत बात है।
उन्होंने कहा कि गांव की तर्ज पर शहर में भी सरकारी व्यवस्था पर अनाज बंटवाया जाए। उन्होंने नेताओं पर भी सस्ती लोकप्रियता के लिये भोजन व्यवस्था बिगाडऩे पर कटाक्ष किया। सांसद की लिस्ट पर भी सवाल खड़ा किया और कहा कि उन्हें बीजेपी कार्यकर्ताओं का नाम सरकारी खाना बंटवाने के लिये नहीं देना चाहिए था। प्रशासन को इस सब पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।