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संपदा 2.0 ऐप: MP में मोबाइल से संपत्ति ई-रजिस्ट्री और मूल्यांकन अब आसान, बिचौलिए का खेल ख़त्म
भोपाल. संपदा-2.0 ऐप की शुरुआत के साथ ही संपत्ति से संबंधित लेनदेन में पारदर्शिता और सुविधा बढ़ाई गई है। अब प्रॉपर्टी की स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण फीस की गणना और रजिस्ट्री प्रक्रिया को आपके मोबाइल फोन से ही पूरा किया जा सकता है। इससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो गई है, जिससे यह प्रक्रिया अधिक सरल और सुरक्षित हो गई है।
मुख्यमंत्री करेंगे लॉन्च
9 अक्टूबर को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा संपदा-2.0 ऐप का औपचारिक रूप से लॉन्च किया जाएगा। इसके बाद यह सुविधा पूरे मध्य प्रदेश में उपलब्ध हो जाएगी। नागरिक अब गूगल प्ले स्टोर से ऐप डाउनलोड कर अपने मोबाइल पर इसे इंस्टॉल कर सकते हैं।
संपदा-2.0 ऐप की प्रमुख विशेषताएं
1. गाइडलाइन रेट देख सकेंगे
संपत्ति की लोकेशन के आधार पर आप संबंधित क्षेत्र की गाइडलाइन रेट आसानी से देख सकेंगे, जिससे आपको प्रॉपर्टी की सटीक जानकारी मिलेगी।
2. स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क की गणना
यह ऐप आपको संपत्ति के मूल्य के आधार पर स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क की गणना करने में मदद करेगा। इस सुविधा से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को और भी सुगम बनाया गया है।
3. ई-रजिस्ट्री और ई-स्टांप का वेरिफिकेशन
संपत्ति की रजिस्ट्री और स्टांप ड्यूटी का वेरिफिकेशन भी अब इस ऐप के माध्यम से किया जा सकता है। इससे दस्तावेज़ों की सत्यता जांचना बेहद आसान हो गया है।
4. प्रॉपर्टी मूल्यांकन और ई-वॉलेट सुविधा
यह ऐप आपको आपके क्षेत्र के विवरण के आधार पर संपत्ति का मूल्यांकन करने की सुविधा देता है। साथ ही, ई-वॉलेट की सुविधा के माध्यम से आप स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क का भुगतान भी आसानी से कर सकते हैं।
कैसे काम करता है संपदा-2.0 ऐप?
संपदा-2.0 ऐप को गूगल प्ले स्टोर से इंस्टॉल करने के बाद, आपको रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया से गुजरना होगा। इसमें आपको तीन विकल्प मिलेंगे:
- नागरिक: व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं के लिए।
- सर्विस प्रोवाइडर: जिनके पास प्रॉपर्टी से संबंधित सेवाओं की अनुमति है।
- वित्तीय संस्थान: बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों के लिए।
रजिस्ट्रेशन के बाद आप प्रॉपर्टी की फोटो अपलोड कर, ई-रजिस्ट्री के लिए स्लॉट बुक कर सकते हैं। तय समय पर आपको सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में जाकर रजिस्ट्री पूरी करनी होगी।
डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन से मिलेगी पारदर्शिता
इस ऐप के आने से संपत्ति से जुड़े लेन-देन में पूरी पारदर्शिता आएगी। पहले जहां बिचौलियों की भूमिका होती थी और रजिस्ट्री में देरी होती थी, अब यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल हो गई है। इससे समय की बचत होगी और नागरिकों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।