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सागर: निजी स्कूलों में 40 प्रतिशत सीटों पर ही होंगे एडमिशन
सागर: शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी विद्यालयों में आर्थिक रूप से पिछडे़ विद्यार्थियों की प्रवेश प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो पाई है। प्रक्रिया में हो रही देरी के कारण अब अभिभावक अपने हिसाब से बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिलाना प्रारंभ कर दिया है। फलस्वरूप जून में जब तक आरटीई (RTE) के तहत प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी तब तक कई अभिभावक अपने बच्चों के दाखिले करा चुके होंगे।
ऐसे में आरटीई के तहत प्रवेश कम संख्या में होंगे। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा। पिछले वर्षां में में भी आरटीई (RTE) में प्रवेश की में प्रवेश की संख्या कम रही है। इस बार भी 40 फीसदी से ज्यादा प्रवेश नही हो पाएंगे। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को अच्छे निजी विद्यालयों में पढ़ाने आरटीई के तहत योजना शुरू की थी। इसमें आर्थिक रूप से कमजोर, आरक्षित वर्ग के बच्चों को निजी विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाता था। इनकी फीस स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दी जाती है। पिछले वर्ष कहा गया था कि स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया के साथ ही आरटीई की प्रक्रिया शुरू करवा दी जाएगी। लेकिन इस बार भी आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। अब प्रवेश प्रक्रिया जून माह में शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। तब तक अभिभावक अपने बच्चों का प्रवेश स्कूल में करा चुके होंगे।
737 स्कूलों में 5 हजार से ज्यादा सीटें आरक्षित
जिले के निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत तक सीटें आरक्षित होती है। लेकिन प्रवेश प्रक्रिया में यह सीटें पूरी नहीं भर पाती है। इसकी वजह देर से प्रवेश प्रक्रिया शुरू होना बताया जाता है। जिले में आरटीई के तहत 737 स्कूलों में 5 हजार से अधिक सीटें आरक्षित है। लेकिन प्रक्रिया देरी से शुरू होने से 40 फीसदी सीटें ही भर पाती है। अधिकारियों का कहना है कि अभी कई जिलों में विद्यालयों की मान्यता और मैपिंग का काम चल रहा है। जिसके कारण प्रक्रिया में देरी हो रही है। अब प्रवेश प्रक्रिया जून माह में प्रारंभ होगी।
Ankit Pandey | रीवा रियासत
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