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एमपी में नियुक्ति का इंतजार कर रहे 50000 उम्मीदवारों के लिए खुशखबरी, फटाफट से जानें
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MP Anukampa Niyukti Niyam 2022: राज्य सरकार प्रदेश में अनुकंपा नियुक्ति के 50 हजार से ज्यादा मामले लंबित होने के कारण नियमों में सरलीकरण करने जा रही है। नियम का सरलीकरण होने से इन लंबित मामलों का निराकरण आसानी से हो सकेगा। इसमें सबसे अहम 2016 के कार्यभारित और आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वालों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने का मामला है।
सरकारी विभागों में 2 लाख से ज्यादा पद खाली है। ऐसी स्थिति में रिक्त पद सीधी भर्ती से करने के साथ अनुकंपा नियुक्ति के मामलों का निराकरण कर भर्तियां किया जाना है। प्रदेश में निर्माण विभागों में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण, जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के ज्यादा मामले कार्यभारित और आकस्मिकता निधि से पहले वेतन पाने वालों का है।
गौरतलब है कि इन विभागों में कर्मचारियां की मृत्यू होने के बाद आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने का प्रावधान तत्कालीन दिग्विजय सिंह सरकार के कार्यकाल में बंद कर दिया गया था। जिसे 2016 में शुरू किया गया। लेकिन इससे अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का निराकरण नहीं हो पा रहा।
इसलिए इन नियमों में संसोधन कर 2008 तक के प्रकरणां में नियुक्तियां दिया जाना प्रस्तावित है। इन दोनो संवर्गों के मामले में कोर्ट में 20 हजार से ज्यादा मामले लंबित है। जिनमें कर्मचारियों के आश्रित कोर्ट में गए हैं। कोर्ट भी इस मामले में भेदभाव को खत्म करने की बात कर रहा है। जिससे अनुकंपा नियुक्ति के इस मामलों का निराकरण किया जा सके।
ये है मामले
नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण समेत अन्य निर्माण विभागों में किसी कार्य विशेष प्रोजेक्ट, यदि वह 10 साल तक चलना है तो इसके लिए कार्यभारित और आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले कर्मचारियां की भर्ती की जाती है। इन कर्मचारियों की सेवाओं को प्रोजेक्ट पूरा होने पर अन्य विभागों में संविलियन कर दिया जाता है, या उन्हें समाप्त कर दिया जाता है।
एनवीडीए में ईएनसी से लेकर सब इंजीनियर तक की सेवाएं तो निर्माण विभागों से प्रतिनियुक्ति पर ली जाती है। लेकिन तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पद कार्यभारित से भर लिया गया है। आकस्मिकता निधि पाने वाले कर्मचारी, जिनकी मृत्यू हो गई है, इन कर्मचारियों के आश्रितों के अनुकंपा नियुक्ति के मामले लंबित है। इन मामलों का निराकरण किया जाना है।