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रीवा: लॉक डाउन ने तोड़ी ट्रांसपोर्टर्स की कमर, खलासी ड्राइवर दाने दाने को मोहताज़
Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 11:58 AM IST
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रीवा: लॉक डाउन ने तोड़ी ट्रांसपोर्टर्स की कमर, खलासी ड्राइवर दाने दाने को मोहताज़ रीवा । कोरोना महामारी फैले पांच माह बीतने को
रीवा: लॉक डाउन ने तोड़ी ट्रांसपोर्टर्स की कमर, खलासी ड्राइवर दाने दाने को मोहताज़
रीवा (विपिन तिवारी ) । कोरोना महामारी फैले पांच माह बीतने को हैं। शहर 24 मार्च से लॉक डाउन हुआ तब से आज तक ट्रैकों के पहिये थम हुए हैं। 40 एकड़ में फैला ट्रांसपोर्ट नगर का हाल बदहाल हो गया है।नगर में आज भी सड़कें, नाली, हॉस्पिटल जैसी सुविधा नही है। साल भर पहले बनी सड़क एक बारिश को नही झेल न सकी।बारिश होते ही दम तोड़ दी। नाली न होने की वज़ह से नाली का पानी सड़क पर बह रहा है। इसी ट्रांसपोर्ट नगर में ट्रक के पहिये थमे हुए हैं।जिसकी वज़ह से ट्रक मालिकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।हिल गया मध्यप्रदेश: 10 ठिकानों पर छापे, IPS के रिश्तेदार समेत कई बिल्डरों यहां कार्रवाई जारी
कोरोना के कारण आवागमन बाधित है।परिवहन बंद होने की वजह से ट्रक पांच महीनें से खड़े हैं। ट्रकों के पहिये थम जाने से ट्रक मालिकों का बुरा हाल है। ट्रक मालिकों का कहना है जब बाहर से गाड़ी नही आ रही अंदर नो एंट्री है।अंदर आने पर पेनाल्टी लगाई जा रही है। पांच माह हो गए गाड़ी को खड़े हुए। उसके बाबजूद सरकार गाड़ियों से टैक्स वसूल रही है। सरकार द्वारा टैक्स वसूली माफ़ किया जाए इसको लेकर प्रदेशव्यापी हड़ताल हुई थी।बाबजूद उसके अभी तक सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की साहयता ट्रक मालिकों को नही दी गई है। ट्रक मालिकों की कमर टूटी हुई है। हालात यह बन गए हैं कि ट्रक ट्रांसपोर्ट से जुड़े 50 हजार लोग ड्राइवर ,खलासी ,मैकेनिक खाने के लिए दाने दाने को मोहताज़ हो गए हैं। उनके पास खाने के लिए दाने नही है। जिससे आर्थिक तंगी के कारण तनाव में चले गए हैं।मध्यप्रदेश में सभी यात्रियों बसों को मिली हरी झंडी, पूरी क्षमता से चल सकेंगी यात्री बसें, ये है नया नियम
इनका कहना है
ट्रांसपोर्ट नगर आटोमोबाइल व्यापारी विपिन त्रिपाठी कहते हैं। पांच माह से पूरा व्यापार ठप पड़ा है। बाहर की गाड़ियां अंदर नही आती जिससे कोई व्यापार नही हो रहा। अभी तक बमुश्किल से 20 प्रतिशत व्यापार हो रहा है। विपिन कहते हैं कि नया ट्रांसपोर्ट नगर बसाया जाए जहाँ गाड़ी आ जा सके ऐसी जगह हो जो हाइवे से लगा हो, ताकी गाड़ियां को आने जाने में सरल रहे। जब गाड़ियां अंदर आएगी तभी व्यापार होगा। वर्ना हालात बद से बदतर हो रहें हैं। ट्रांसपोर्ट नगर में इंजन मिस्त्री का काम कर रहे राजेन्द्र मिस्त्री कहते हैं। लॉक डाउन की वज़ह से हालात बुरे है। सारी गाड़ियां बंद हैं जिससे काम मिलना मुश्किल हो गया है। खाने के लाले पड़ रहें हैं। 20 प्रतिशत काम हो रहा है। ट्रांसपोर्टर्स नगर मोटर मेकेनिक आटोपार्ट व्यापारी संघ अध्यक्ष लल्लन खान कहते हैं। ट्रांसपोर्ट नगर के साथ छला गया है। 40 साल पहले के बने नक्शे में दिखाया गया था ट्रांसपोर्ट नगर में बैंक, हॉस्पिटल, पम्प, होगा जो आज तक नही बना है। सड़कें तक ठीक से नही बनीं है। बाहर की गाड़ियां अंदर नही आ पाती। गाड़ी अंदर आने पर पुलिस बल द्वारा अबैध वसूली की जाती है। ट्रक एसोसिएशन से जुड़े बड़े छोटे व्यपारी /कर्मचारी मिला कर कुल 10 हजार लोग जुड़े हैं। जो आज आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। अनिल तिवारी ट्रक एसोसिएशन अध्यक्ष कहते हैं। पांच महीनें से गाड़ी खड़ी थी एक रुपए की कमाई नही हुई है। ऐसे में सरकार को कम से कम तीन महीनें का फिटनेस, परमिट का टैक्स माफ़ किया जाए। ट्रक मालिकों की स्थिति खराब है। सरकार अग़र टैक्स माफ नही करती तो ट्रक मालिक एक बार फिर सड़क में उतरने को मजबूर होंगे।। ट्रक मालिको को मानसिक स्थिति खराब हो गई है।रीवा: मोहनिया घाटी में टर्नल का कार्य प्रगति पर, पढ़िए जरूरी खबर
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