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रीवा: आर्थिक तंगी से तंग शिक्षक ने खाई नीद की गोली फिर हुआ कुछ ऐसा...
Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 11:58 AM IST
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रीवा: आर्थिक तंगी से तंग शिक्षक ने खाई नीद की गोली फिर हुआ कुछ ऐसा...रीवा। गंगेव विकासखण्ड के शासकीय प्राथमिक शाला गोंदरी के प्राथमिक
रीवा: आर्थिक तंगी से तंग शिक्षक ने खाई नीद की गोली फिर हुआ कुछ ऐसा...
रीवा। गंगेव विकासखण्ड के शासकीय प्राथमिक शाला गोंदरी के प्राथमिक शिक्षक संजीव शुल ने आत्महत्या का प्रयास कर डाला। प्रशासन व विभागीय लापरवाही की भेंट उनका परिवार चढ़ गया। मूलत: देवगांव निवासी श्री शुल के परिजनों की माने तो बीते तीन माह से वेतन न मिलने के कारण वे मानसिक रूप से परेशान रहे। उन्होंने बैंक से कर्ज ले रखा था, वेतन न मिलने के कारण उसकी मासिक किस्त भी जमा नहीं हो पा रही थी। वहीं परिवार का भरण-पोषण करने में भी शिक्षक को परेशानी होती रही, जिससे वे अवसाद में चले गए।एमपी सीएम शिवराज सिंह चौहान का ऐलान, प्लाज़्मा डोनेट करेंगे
इस अवसाद से घिरे संजीव शुला ने बीती रात अधिक मात्रा में नींद की गोलियां खा लीं। परिजनों को जब खबर लगी तो वह उन्हें तत्काल लेकर संजय गांधी अस्पताल भागे। जहां चिकित्सकों ने तत्परता दिखाते हुए ईलाज शुरू किया, जिसके चलते वह अभी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। उनके इस आत्मघाती कदम की वजह से अब परिजनों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। गंगेव बीईओ को थमाया नोटिस गोंदरी प्राथमिक शाला शासकीय कन्या उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय मनगवां के अंतर्गत आती है। शिक्षकों के वेतन भुगतान की जिमेदारी संकुल प्राचार्य, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी की होती है। प्राथमिक रूप से जिला शिक्षा अधिकारी ने गंगेव बीईओ मनोज श्रीवास्तव को शोकॉज नोटिस थमा दिया है। अब इतने से यदि मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया तो इस तरह की घटना के अन्य जिमेदार बच सकते हैं। अत: मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग शिक्षकों द्वारा की जा रही है।शादी का वादा कर रीवा के युवक ने किया कई सालो तक बलात्कार, अब 28 वर्षीय युवती ने किया ये…
अब तक टे्रजरी एम्पली कोड की कार्यवाही पूरी नहीं :
गौरतलब है कि करीब तीन माह पहले शासन ने ट्रेजरी एपलाई कोड जारी कर रेग्युलर हेड से नए हेड में आए प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के वेतन भुगतान के निर्देश दिए थे। जिले के सभी बीईओ व संकुल प्राचार्यों की लापरवाही के कारण अध्यापकों व शिक्षकों के हितार्थ उक्त कार्यवाही अब तक पूरी नहीं हो सकी। लिहाजा जिले के 3 हजार से अधिक अध्यापकों व शिक्षकों का तीन माह से वेतन रूका हुआ है। मई, जून और जुलाई माह का वेतन न मिलने से कई शिक्षकों का परिवार भूखों मरने की नौबत में आ चुका है। फिर भी विभाग के आला अधिकारी और अन्य जिमेदारों का दिल नहीं पसीज रहा।वसूली की जुगत में लगे रहते हैं जिमेदार
आजाद अध्यापक संघ के सभागीय अध्यक्ष राजेश मिश्रा ने कहा कि विभाग के अधिकारी और बेलगाम बाबू शिक्षकों के वेतन भुगतान में भी वसूली करने की जुगत निकालते रहते हैं, जिसके चलते वेतन में इतना विलब हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमने विगत 5 अगस्त को कलेटर को ज्ञापन देकर वेतन भुगतान में विलब की समस्या से अवगत कराया था। इसके पहले जिला शिक्षा अधिकारी को भी पत्र सौंपा जा चुका है लेकिन फिर भी शिक्षकों की समस्या हल करने के लिए किसी भी जिमेदार के पास समय नहीं है। सभागीय अध्यक्ष ने इस मामले में जिमेदारों पर कठोर कार्यवाही करने, तीन से लंबित वेतन का भुगतान करने व वेतन भुगतान की तिथि प्रत्येक माह की 1 तारीख को करने की मांग उठाई है।मध्यप्रदेश: ये लोग खुद नौकरी छोड़ दे नहीं सरकार कर देगी रिटायर
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