रीवा

वाह रे रीवा ! थाना है, थानेदार भी हैं लेकिन नही होती FIR, पढ़िए

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 11:57 AM IST
वाह रे रीवा ! थाना है, थानेदार भी हैं लेकिन नही होती FIR, पढ़िए
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वाह रे रीवा ! थाना है, थानेदार भी हैं लेकिन नही होती FIR, पढ़िए रीवा (विपिन तिवारी की रिपोर्ट) : जिले के शाहपुर थाने पुलिस की गैर जिम्मेदाराना

वाह रे रीवा ! थाना है, थानेदार भी हैं लेकिन नही होती FIR, पढ़िए

रीवा (विपिन तिवारी की रिपोर्ट) : जिले के शाहपुर थाने पुलिस की गैर जिम्मेदाराना बयान सामने आया है। शाहपुर थाने में रिपोर्ट नही दर्ज की जाती, हालात इस कदर बद्तर हैं कि थाना प्रभारी , फरियादी से यह कहते हैं कि हम ही सुरक्षित नहीं हैं, वर्दी तो इसलिए है कि दूर से देखकर चोर उचक्के भाग जाएं। एक तरफ जहां पुलिस कप्तान राकेश सिंह अपराधों पर सख्ती से पाबंदी लगाने और अपराधियों की गिरफ्तारी पर जोर दे रहे हैं वहीं शाहपुर थाने के नवागत प्रभारी अनुराग अवस्थी पीड़ितों की रिपोर्ट ही दर्ज नही कि है। फरियादियों से कह दिया जाता है कि जब हम नही सुरक्षित तो कैसे करेंगे तुम्हारी सुरक्षा ।

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जानिए क्या है पूरा मामला

इस थाने का ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जानकारी के मुताबिक कोठार निवासी कमलेश मिश्रा पत्नी सुरेश कुमार मिश्रा 43 वर्ष का खाता स्टेट बैंक मऊगंज में है, जिसका खाता नम्बर 30986916110 है, बताया गया है कि शनिवार की दोपहर मोबाइल नम्बर 8392029853 एवं 8337892744 से कमलेश के मोबाइल नम्बर 9755035135 पर फोन आया, फोन कर्ता ने बैंक मैनेजर बनकर बोला कि खाता बन्द होने वाला है ,एटीएम का ओटीपी चाहिए, लिहाजा कमलेश ने नम्बर दे दिया, फोनकर्ता ने खाते में जमा एक लाख 6 हजार में से 55 हजार रुपये निकाल लिए.

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इसकी जानकारी लगते ही कमलेश ने खाता बन्द करवा दिया। कमलेश ने बताया कि उनके पुत्र अभिनव मिश्रा जब थाने में रिपोर्ट करने गए तो थाना प्रभारी ने यह कहकर रिपोर्ट नही दर्ज की हम ही सेफ नही है, पैसा नही मिलेगा, हमको साइबर सेल से पता करना पड़ेगा। बहुत मेहनत का काम है, ये लोग फर्जी सिम से काम करते हैं, जो पैसा चला गया वो अब नही मिलेगा।

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उधर, आरोपी के हौसले इस कदर बुलन्द हैं कि आज सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर फिर उसने कमलेश के मोबाइल पर फोन किया और दूसरा अकाउंट नम्बर मांगा, जिसकी कमलेश ने रिकॉर्डिंग भी की है। सवाल यह है कि पुलिस का अगर यही रवैया रहा तो थाने में पीड़ित किसके भरोसे न्याय की उम्मीद लेकर जाएंगे जब थाना प्रभारी ही कहते हैं कि हम सुरक्षित नही है तो तुम्हारी सुरक्षा कैसे करें।

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