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कोरोना संक्रमण जांच में रीवा पिछड़ा, प्रदेश भर में हो रही किरकिरी
रीवा। पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस के खतरे से लड़ रही है, ऐसे में कोरोना के फैलते संक्रमण को रोकने के लिए उसके संदिग्धों को लोगों से अलग कर Isolate करना जरुरी हो जाता है, जिससे इसके संक्रमण को काबू किया जा सके। इसी के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा रीवा में भी कोरोना संक्रमण जांच के लिए मेडिकल कॉलेज में मशीन लगाई गई है। परन्तु यहाँ के लापरवाह रवैया के चलते न सिर्फ रीवा कोरोना के जांच में पिछड़ गया है, बल्कि पूरे प्रदेश में रीवा की किरकिरी भी हो रही है।
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बता दें माह भर कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर के बाद माह भर पूर्व रीवा और सागर मेडिकल कॉलेज में कोरोना जांच की मशीन लगाईं गई थी। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में हॉटस्पॉट बन गए हैं, इन सभी जगह कोरोना के संक्रमित बड़ी संख्या में मिल रहें हैं। इसलिए यहाँ की जांचे भी अधिक होने की वजह से सागर मेडिकल कॉलेज के लिए भेजी जा रही है और इस पर सागर मेडिकल कॉलेज खरा भी उतर रहा है, जल्द से जल्द वह कोरोना की जांच रिपोर्ट जारी कर रहा है।
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जबकि बात रीवा की करें तो रीवा मेडिकल कॉलेज में लगाई गई मशीन का फायदा रीवा वालों को होते ही नहीं दिख रहा है, तो संभाग के अन्य जिलों का क्या कहें। यहाँ आलम यह है की अधिकाँश सैंपल तो जांच का इंतज़ार करते करते नष्ट हो जा रहें हैं। सतना ने रीवा की इस उदासीनता के चलते अपने जिले में सैंपलिंग ही बंद करवा दी। दूसरे राज्यों से मजदूरों और छात्रों को वापसी होना और समय पर जांच न हो पाने की वजह से कहीं ग्रीन जोन वाले विंध्य को खतरे में न डाल दे।
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विंध्य के सभी जिलों की मैपिंग रीवा मेडिकल कॉलेज से होने के चक्कर में यहाँ के कोई भी जिले अन्यत्र कही भी जांच के लिए सैंपल भी नहीं भेज सकते हैं। स्थिति कब सुधरेगी यह तो कहा नहीं जा सकता, फिर भी श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में मशीन एवं संसाधन दोनों उपलब्ध होने के बावजूद भी रिजल्ट न मिल पाना रीवा के लिए अच्छे संकेत नहीं है।
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