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रीवा: आत्मसम्मान की रक्षा के लिए सेमरिया की महिलाओं ने थामी बंदूकें, सीएम ने दिलाया लाइसेंस
रीवा. जिले के सेमरिया क्षेत्र के डकैत प्रभावित क्षेत्र के कुछ गांव में महिलाओं ने अपने हांथों में बंदूकें थाम ली हैं. उन्होने खुद व अपने गांव-परिवार की सुरक्षा का जिम्मा अपने हांथ ले लिया है. सीएम ने खुद इनका हौसलाफजाई कर इन्हे बंदूकों का लाइसेंस दिलाया है.
ये महिलाएं सेमरिया क्षेत्र के ककरेडी एवं मझियार गांव की हैं. ये क्षेत्र दस्यु प्रभावित हैं. पुलिस चौकी दूर होने की वजह से उत्तरप्रदेश राज्य के डकैतों से यहां के लोग आए दिन परेशान रहते हैं. फिरौती, डकैती, लूट से परेशान होकर यहां की महिलाओं ने अब बंदूकें थाम ली हैं. अब वे आत्मसम्मान के लिए डकैतों और दबंगों से भिड़ेंगी एवं गांव के मर्द पेट पालने के लिए अपना काम कर सकेगें.
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ग्राम उत्थान समिति की सुंदरिया आदिवासी ने बताया कि गांव की सभी महिलाएं एकजुट हैं. सीएम ने सभी के लिए बंदूकों का लाईसेंस दिलाया है एवं सभी ने बंदूके खरीद ली है. हम अपने आत्मसम्मान की लड़ाई खुद लड़ेंगे.
सुंदरिया के मुताबिक अब गांव की महिलाएं किसी डकैत या दबंग के सामने झुकेंगी नहीं. हमारे गांव में आकर कोई अब हमें धमका नही सकेगा. कोई आंख नहीं दिखा सकेगा. हम महिलाएं किसी भी तरह से किसी से कम नहीं हैं.
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गांवों में महिलाओं के आत्मसम्मान की एवं डकैतों से निपटने का जिम्मा सुंदरिया ने ही उठाया था. उन्होने ही गांव की अन्य महिलाओं को जागरूक किया. सीएम ने इन्हे अगुवा वाहिनी की उपाधि दी है एवं गांव की महिलाओं को बंदूक का लाईसेंस दिलाया है. अभी तक पांच महिलाओं ने 12 बोर की बंदूके खरीदकर इसे चलाने की ट्रेनिंग शुरू कर दी है.
इस समूह की महिलाएं घूम घूमकर गांव की रक्षा करती हैं एवं गांव की अन्य महिलाओं को जागरूक करने का काम कर रही है. महिलाओं का हौंसला उन लोगों को सीधा संकेत देता है, वे न किसी से कम हैं और न ही उन्हे आत्मरक्षा एवं परिवार रक्षा के लिए किसी से गिड़गिड़ाने की जरूरत है. वे खुद ही अपने सम्मान के लिए सक्षम हैं.