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MP Uparjan 2023: एमपी में गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन शुरू, फटाफट से जानें नियम, महत्वपूर्ण तिथियां समेत A TO Z सभी जानकारी
समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। मध्य प्रदेश के किसानों से वर्ष 2023-24 मे 80 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम ने इसकी तैयारी कर ली है। बताया गया है कि सोमवार 6 फरवरी 2023 से गेहूं खरीदी के लिए किसानों का पंजीयन किया जाएगा। इसके लिए प्रारूप निर्धारित कर दिए गए हैं। ऐसी व्यवस्था की गई है जिससे किसानों को रजिस्ट्रेशन करवाने में कोई परेशानी न हो। इस वर्ष किसानों से 2125 रूपये क्विंटल समर्थन मूल्य पर गेंहू की खरीदी की जायेगी।
शुरू हुआ पंजीयन
कुछ दिनों पूर्व सूचना जारी की गई थी कि 1 फरवरी से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएगा। लेकिन बाद में इसकी डेट में परिवर्तन किया गया। अब 6 फरवरी 2023 से गेहूं खरीदी के लिए पंजीयन शुरू हो जाएगा। किसान समय रहते समर्थन मूल्य पर गेहूं की बिक्री करने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन अवश्य करवा लें। बताया गया है कि पंजीयन की अंतिम तारीख 28 फरवरी है।
कहां होगा पंजीयन
बताया गया है कि किसान सहकारी समितियों के पंजीयन केंद्र में जाकर पंजीयन करा सकते हैं। इसके अलावा 50 रुपए का शुल्क देकर एमपी ऑनलाइन, कॉमन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केंद्र में भी पंजीयन कराने की सुविधा दी गई है। साथ ही बताया गया है कि अगर निर्धारित शुल्क से अधिक कोई भी सेंटर पैसा लेता है तो इसकी शिकायत सीधे कलेक्टर कार्यालय में की जा सकती है।
रजिस्ट्रेशन के समय किसानों को गेहूं बोने के रखने की जानकारी देनी होगी। जिसका बाद में सत्यापन पटवारी हल्का द्वारा किया जाएगा।
प्रदेश में 3480 पंजीयन केंद्र
किसानों से कहा गया है कि वह आधार नंबर से जुड़े हुए बैंक खाते की जानकारी रजिस्ट्रेशन के समय दर्ज करवाएं।
प्रदेश में 3480 पंजीयन केंद्र बनाए गए हैं। खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि किसानों को रजिस्ट्रेशन करवाने में असुविधा ना हो इसके लिए 3480 पंजीयन केंद्र बनाए गए हैं। जहां किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
अनुमानित तारीख बताएं किसान
रजिस्ट्रेशन के समय ही किसानों को बताना होगा कि वह अपने गेहूं की उपज कब भेजना चाहते हैं। इस अनुमानित तारीख पर किसान से गेहूं की तौल सरलता पूर्वक की जाएगी। किसानों को गेहूं बेचने में असुविधा न हो इस बात को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।