मध्यप्रदेश

हड़ताल करने पर जूनियर डॉक्टरों का रद्द होगा पंजीयन, चिकित्सा शिक्षा विभाग ने बनाए नियम

हड़ताल करने पर जूनियर डॉक्टरों का रद्द होगा पंजीयन, चिकित्सा शिक्षा विभाग ने बनाए नियम
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MP Bhopal News : चिकित्सा शिक्षा विभाग के इस नए नियम का आने वाले समय में क्या परिणाम निकलता है इसका पता तो भविष्य में ही चल पाएगा।

Medical Education Department New Rule On Junior Doctor Strike : प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों (Medical College) में अध्ययन कर रहे जूनियर डॉक्टरों (Junior Doctor) अब अगर हड़ताल में जाते हैं तो उनका पंजीयन रद्द कर दिया जाएगा। इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा विभाग (Medical Education Department) द्वारा नियम बनाया गया है। बनाए गए नियम के अनुसार अब हड़ताल (Strike) पर जाने वाले पीजी छात्रों के खिलाफ वसूली की कार्रवाई किए जाने के साथ ही उनका पंजीयन निरस्त किया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा विभाग के इस नए नियम का आने वाले समय में क्या परिणाम निकलता है इसका पता तो भविष्य में ही चल पाएगा। माना जा रहा है कि इस नियम का सकरात्मक परिणाम अस्पताल में देखने को मिलेगा।

क्यों किया ऐसा

चिकित्सा शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल (Junior Doctor Strike) से चिकित्सा सेवा पूरी तरह से प्रभावित होती है। इसके अलावा चिकित्सकों की हड़ताल का खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ता है। इसीलिए नियम में बदलाव किया गया है। प्रवेश के समय ही यह अंडरटेकिंग ली जाएगी कि वे हड़ताल पर नही जाएंगे। इसके बाद भी वे हड़ताल पर जाते हैं तो उनसे निजी मेडिकल कॉलेजों (Medical Colleges) में लगने वाली लगभग दस लाख की फीस वसूली जाएगी। सरकारी कॉलेजों में 50 हजार रूपए फीस लगती है। इसमें भी मेधावी छात्र योजना, अनुसूचित जाति-जनजाति छात्र प्रोत्साहन योजना और संबल योजना के तहत पूरी या आधे से ज्यादा फीस सरकार द्वारा दी जा रही है। गौरतलब है कि चिकित्सा सेवा को अत्यावश्यक सेवा माना जाता है। इसके बावजूद चिकित्सकों की हड़ताल (Junior Doctor Strike) से मरीजों को काफी परेशानी होती है।

वर्जन

जूनियर चिकित्सकों की हड़ताल से मरीजों को काफी परेशानी होती है। इसीलिए चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा ऐसा नियम बनाया गया है। अब अगर जूनियर चिकित्सक हड़ताल पर जाते हैं तो उनका पंजीयन तो निरस्त तो होगा ही साथ ही उनसे निजी मेडिकल कॉलेजों में लगने वाली लगभग 10 लाख फीस की वसूली की जाएगी।

डॉ. अरविंद राय, डीन जीएमएसी

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