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MP Rameshwaram Dham: एमपी के छिंदवाड़ा में बन रहा 'रामेश्वरम धाम', प्रदेश की सबसे ऊंची 81 फीट की स्थापित होगी शिव प्रतिमा
MP Rameshwaram Dham: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में रामेश्वरम धाम बनाया जा रहा है। यहां प्रदेश की अब तक की सबसे ऊंची भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। मूर्ति के नीचे विशाल मंदिर भी बनाया गया है। जिसका कार्य अब अंतिम चरण की ओर है। एमपी जबलपुर के कचनार में 76 फीट की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित है। मंदिर का डिजाइन श्रीयंत्र की तरह ही है।
ध्यान मुद्रा में विराजमान होंगे शिव
छिंदवाड़ा के सिहोरामाल में रामेश्वरम धाम का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इसकी आधारशिला आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने 24 अप्रैल 2018 को रखी थी। मंदिर परिसर में वैदिक पद्धति से 101 पुरोहितों ने पूजा अर्चना की थी। इस निर्माण का निर्माण कार्य तीन वर्ष पूर्व प्रारंभ हुआ था किंतु बीच में महामारी की वजह से दो वर्ष इसका कार्य बंद था। 4 एकड़ में बन रहे इस धाम के निर्माण का जिम्मा शिव शंकर सेवा ट्रस्ट का है। इस प्रतिमा में भगवान शिव ध्यान मुद्रा में विराजे हैं। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए दो एकड़ जमीन केवल पार्किंग के लिए रिजर्व है। इसके राजस्थान, महाराष्ट्र और दिल्ली की टीम द्वारा मिलकर तैयार किया जा रहा है।
विशाल मंदिर में स्थापित होंगी यह प्रतिमाएं
सिहोरामाल में बन रहे रामेश्वरम धाम के विशाल मंदिर में यह प्रतिमाएं भी स्थापित होंगी। जिनमें श्रीराम दरबार, देवी लक्ष्मी, विष्णु, दुर्गा माता, गौरी शंकर परिवार, राधा-कृष्ण, मां सरस्वती और पंचमुखी हनुमान की प्रतिमाएं शामिल हैं। मूर्तिकार नरेश कुमावत द्वारा इस प्रोजेक्ट को लीड किया जा रहा है। वह बताते हैं कि मूर्ति को बनाने में 80 टन लोहे का इस्तेमाल किया गया है। भगवान शंकर की यह मूर्ति फाइबर से बनाई जा रही हैं। मूर्तिकार ने दावा किया कि अगले सौ वर्षों तक यह प्रतिमा सुरक्षित रहेगी। इसके साथ ही शिव प्रतिमा के चारों ओर सरोवर, वाटिका व छोटे-छोटे चार सरोवर परिसर निर्मित होंगे। शिव प्रतिमा के ठीक नीचे वाले स्थान पर श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित रहेगा।
ऐसे तैयार की गई शिव प्रतिमा
शिव प्रतिमा को फाइबर से तैयार किया गया है। इसमें 12 मिमी मोटाई वाले मोल्ड फाइबर का इस्तेमाल किया गया है। प्रतिमा को सपोर्ट देने के लिए 80 टन लोहे का इस्तेमाल किया गया है। सीएमसी मशीन से थर्माकोल के ब्लॉक को कटिंग कर मूर्ति का ढांचा बनाया गया। इसके बाद थर्माकोल पर पीओपी का लेप कर फिनिशिंग की गई है। 12 लेयर में फाइबर के मोल्ड से मूर्ति तैयार की गई हैं। राजस्थान और नागपुर की 25 लोगों की टीम मूर्ति को तैयार कर रही है। जबकि 80 लोगों की टीम मंदिर को तैयार करने में लगी हुई है। शिव प्रतिमा तक पहुंचने के लिए 31 सीढ़ियां बनाई गई हैं। सीढ़ियों का आकार छोटा रखा गया है ताकि बुजुर्ग के साथ ही बच्चे भी आसानी से चढ़ और उतर सकें।