मध्यप्रदेश

Automatic Washing Plant: एमपी का यह रेल मंडल स्थापित करेगा ऑटोमेटिक वाशिंग प्लांट, ट्रेनों की सफाई होगी आसान

Sanjay Patel
8 Sept 2023 3:29 PM IST
Automatic Washing Plant: एमपी का यह रेल मंडल स्थापित करेगा ऑटोमेटिक वाशिंग प्लांट, ट्रेनों की सफाई होगी आसान
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Railway News: मध्यप्रदेश का रतलाम रेल मंडल ऑटोमेटिक वाशिंग प्लांट स्थापित करने जा रहा है। यह प्लांट महू में स्थापित किया जाएगा। जिससे ट्रेनों की सफाई का कार्य आसानी के साथ किया जा सकेगा।

मध्यप्रदेश का रतलाम रेल मंडल ऑटोमेटिक वाशिंग प्लांट स्थापित करने जा रहा है। यह प्लांट महू में स्थापित किया जाएगा। जिससे ट्रेनों की सफाई का कार्य आसानी के साथ किया जा सकेगा। इस प्रोजेक्ट की मदद से समय और धन दोनों की बचत होगी। इसके लिए अभी रेल मंडल द्वारा एजेंसी की तलाश की जा रही है। ऑटोमेटिक वाशिंग प्लांट में ट्रेनों की सफाई ब्रश के माध्यम से होती है। ऐसे में समय-समय पर ट्रेनों की अच्छी सफाई हो सकेगी।

2.17 करोड़ रुपए से तैयार होगा प्लांट

रतलाम रेल मंडल के महू में ऑटोमेटिक वाशिंग प्लांट स्थापित करने की योजना है। जिसको लेकर एजेंसी की तलाश की जा रही है। बताया गया है कि इस सिस्टम को तैयार करने के लिए एजेंसी को 6 माह का समय दिया जाएगा। 2.17 करोड़ रुपए की लागत से यह प्लांट स्थापित होगा। एजेंसी को 6 महीने के अंदर ऑटोमेटिक वाशिंग प्लांट स्थापित करना होगा।

पानी को किया जाएगा उपचारित

इस प्रोजेक्ट के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से पिट पर उपयोग किए जाने वाले पानी को पहले उपचारित किया जाएगा। इसके बाद ही उसका उपयोग वाशिंग प्लांट में किया जा सकेगा। यहां पर यह बता दें कि इंदौर महू में सबसे ज्यादा ओरिजिनल और टर्मिनेटिंग ट्रेन चलाई जाती है। इस वजह से केवल इन दोनों ही शहरों में पिट लाइन मौजूद है। जहां अब तक ट्रेनों का रखखाव, साफ-सफाई और धुलाई होती आई है। इंदौर और महू के अलावा किसी भी शहर में पिट लाइन नहीं है।

समय और धन की होगी बचत

ऑटोमेटिक वाशिंग प्लांट में ट्रेनों की सफाई ब्रश से की जाती है। ऐसे में समय और धन दोनों की बचत हो सकेगी। इसके साथ ही कम पानी में ट्रेनों की आसानी से सफाई हो जाएगी। जबकि सामान्य पिट लाइन की मदद से सफाई में समय और दोनों ज्यादा लगता है। वहीं पानी की भी अधिक बर्बादी होती है। इस प्रोजेक्ट के लिए रेल मंडल द्वारा दो टेंडर बुलाए गए हैं। यह टेंडर 4 अक्टूबर को खोले जाने हैं। जिस भी कंपनी को इस प्रोजेक्ट का कार्य सौंपा जाएगा उसको दो साल तक मशीनों का मेंटेनेंस करना होगा साथ ही वारंटी भी लेनी होगी।

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