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उज्जैन के महाकाल मंदिर में प्रोटोकॉल व्यवस्था समाप्त: अब प्रोटोकॉल के तहत नहीं कर सकेंगे बाबा महाकालेश्वर के दर्शन, 1 फ़रवरी से दर्शन के लिए देने होंगे इतने रुपए
महाकाल मंदिर में प्रोटोकॉल व्यवस्था समाप्त
महाकाल मंदिर में प्रोटोकॉल व्यवस्था समाप्त: मध्यप्रदेश के उज्जैन में बाबा महाकालेश्वर (Baba Mahakaleshwar) के दर्शन के लिए जाने वालों को अब प्रोटोकॉल के तहत 250 रुपए का शुल्क देने होंगे. महाकाल मंदिर प्रशासन ने यह व्यवस्था बुधवार, 1 फ़रवरी 2023 से लागू कर दी है. हालांकि, शासन के प्रोटोकॉल में आने वाले अति विशिष्ट दर्शनार्थियों के लिए दर्शन व्यवस्था नि:शुल्क ही रहेगी.
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple Ujjain) में अभी तक विभिन्न विभागों को प्रोटोकॉल के माध्यम से दर्शन कराने के लिए कोटा निर्धारित है. इस व्यवस्था के माध्यम से आने वाले श्रद्धालुओं को प्रोटोकॉल के तहत निशुल्क रूप से शीघ्र दर्शन कराए जाते थे. प्रोटोकॉल व्यवस्था को समाप्त करने के लिए 27 जनवरी को हुई मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में खाका तैयार कर निर्णय लिया गया था. शुल्क को लेकर निर्धारण होना था.
सोमवार देर रात को इस व्यवस्था को 1 फरवरी से लागू करने का निर्णय लिया गया. अब प्रोटोकॉल व्यवस्था में शासन के प्रोटोकॉल की श्रेणी में आने वाले अति विशिष्ट अतिथियों को ही निशुल्क दर्शन करने की व्यवस्था रहेगी. इसके अलावा सत्कार व्यवस्था के अंतर्गत आने वाले दर्शनार्थियों से गजट प्रावधान के अनुसार 250 रुपए प्रति व्यक्ति भेंट राशि लेने के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा. मंदिर समिति ने यह व्यवस्था 1 फरवरी से मंदिर में लागू करने कि सूचना भी जारी कर दी है.
नि:शुल्क प्रवेश की पात्रता इन्हें रहेगी
श्री महाकालेश्वर मंदिर में 1 फरवरी से लागू हो रही व्यवस्था में दर्शन के लिए आने वाले साधु, संत-महंत, महामंडलेश्वर, शंकराचार्य, पीठाधीश्वर, धर्माचार्य, प्रेस क्लब के सदस्य, अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार (स्वयं) सत्कार व्यवस्था के अंतर्गत निशुल्क शीघ्र दर्शन व्यवस्था से प्रवेश कर सकेंगे. इसके अलावा अति विशिष्ट व्यक्ति, जो शासन के प्रोटोकॉल श्रेणी में आते हैं, उन्हें भी निशुल्क प्रवेश दिया जाएगा. इसके अतिरिक्त किसी भी माध्यम से कोई दर्शनार्थी प्रोटोकॉल के तहत दर्शन के लिए आते हैं, तो 250 रुपए प्रति व्यक्ति रसीद लेना अनिवार्य होगा.
इसलिए समाप्त की प्रोटोकॉल व्यवस्था
श्री महाकालेश्वर मंदिर में मंदिर प्रशासन द्वारा अभी तक शासन के विभिन्न विभागों, प्रेस, न्यायिक विभाग, राजनीतिक दल के लिए प्रोटोकॉल के तहत दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं का कोटा निर्धारित किया गया था. इस व्यवस्था के बाद भी देखा गया कि जो श्रद्धालु प्रोटोकॉल के तहत व्यवस्था में नहीं आते थे, उन्हें भी निशुल्क दर्शन कराए जा रहे थे. वहीं प्रोटोकॉल से दर्शन कराने के नाम पर पैसे लेने की शिकायत भी मिलने लगी थी. इस कारण मंदिर की व्यवस्थाएं बिगड़ रही थी. दूसरी परेशानी यह थी कि मंदिर में प्रोटोकॉल के तहत आने वाले दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ती जा रही थी, जिसके कारण सामान्य दर्शनार्थियों को भी दर्शन के दौरान असुविधा होती थी. मंदिर के अधिकारियों ने कई दिन तक इस व्यवस्था पर नजर रखने के बाद प्रोटोकॉल समाप्त करने के लिए मंदिर प्रबंध समिति में प्रस्ताव रखा था.
सामान्य श्रद्धालुओं को दर्शन सुविधा मिल सकेगी
श्री महाकालेश्वर मंदिर में सभी तरह की प्रोटोकॉल व्यवस्था समाप्त करने के बाद केवल अति विशिष्ट लोगों को ही प्रोटोकॉल के दायरे में रखा गया है. इस व्यवस्था के लागू होने के बाद माना जा रहा है कि प्रोटोकॉल से दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कम होगी. वहीं सामान्य श्रद्धालुओं को दर्शन करने में सहजता रहेगी. हालांकि, यह व्यवस्था कितने दिन चल सकेगी यह समय अनुसार ही तय हो पाएगा.
पहले पांच महीने में वापस लिया था निर्णय
श्री महाकालेश्वर मंदिर में इसके पहले मंदिर प्रबंध समिति की बैठक 3 सितंबर 2021 में निर्णय लेकर प्रोटोकॉल पद 100 रूपए शुल्क लागू किया था. इसके लिए हरिफाटक ब्रिज के नीचे प्रोटोकाल का नया ऑफिस भी खोला गया था. शुल्क लगाने के विरोध के बाद करीब पांच महिने बाद ही 16 फरवरी 2022 को प्रबंध समिति न महाशिवरात्रि पर्व के पहले महाकाल दर्शन के लिए वीआइपी दर्शनार्थियों के लिए लागू किए गए 100 रुपए शुल्क को समाप्त कर दिया है. साथ ही VIP प्रवेश के लिए कुछ शर्ते भी लागू की हैं. प्रोटोकॉल के तहत आने वाले सदस्यों को सीमित संख्या में प्रवेश दिया जाएगा.