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एमपी: दूसरे कॉलेज में परीक्षा ड्यूटी का विरोध, प्राध्यापकों ने कहा पढ़ाई होगी प्रभावित
भोपाल- विश्वविद्यालय परीक्षा में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए राज्य शासन द्वारा दी गई गाईडलाइन को लेकर सवाल खडे़ हो गए हैं। इसमें एक कॉलेज प्रोफेसर्स की परीक्षा ड्यूटी दूसरे कॉलेज में ड्यूटी लगाने को अव्यवहारिक बताया जा रहा है। कॉलेज प्राचार्य और प्रोफेसर्स का कहना है कि इससे कॉलेज स्तर की एक्टिविटी प्रभावित होगी। साथ ही विद्यार्थियों की क्लासरूम टीचिंग पर भी असर पडे़गा।
कालेज प्राचार्यों ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि यदि राज्य सरकार स्तर पर हुई बैठक में यह मानकर निर्णय लिया गया है कि परीक्षाके दौरान कॉलेजों में पढ़ाई नहीं होती यानि कक्षाएं लगती तो यह बात गलत है। वर्तमान में पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर पर सेमेस्टर सिस्टम और वार्षिक एनुअल पैटर्न संचालित है, इसलिए सभी कक्षाओं की परीक्षाएं एक समय पर नहीं होती।
कई बार दो शिफ्ट में भी होती है। सेमेस्टर परीक्षा, वार्षिक परीक्षा, सप्लीमेंट्री परीक्षा और कभी-कभी विशेष परीक्षाएं भी होती है। इसी दौरान कक्षाएं भी लगती है। ऐसे में दूसरे कॉलेजों में ड्यूटी लगाने से दसूरे काम नही हो सकेंगे।
पुनर्विचार करे शासन
प्रांतीय शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ के प्रांतीय महासचिव डा. आनंद शर्मा ने कहा कि यह प्रयोग पहले हो चुके हैं। लेकिन असफल रहे हैं। कई शासकीय कॉलेजों में रेगुलर स्टॉफ कम है। प्राध्यापकों ने अपने कॉलेज को छोड़कर दूसरे कॉलेजां में ड्यूटी करेंगे तो कॉलेज के कई काम प्रभावित होंगे। विवि पर भी आर्थिक भार बढे़गा। विवि प्रबंधन भी अपना उड़नदस्ता दल भेज कर जांच करा सकता है। शासन को इस पर फिर से विचार करना चाहिए।
क्या है मामला
हायर एजुकेशन द्वारा गत दिवस एक निर्णय लिया गया है। जिसके तहत परीक्षा की पारदर्शिता को ध्यान में रखते ही महाविद्यालय प्राध्यापकों की परीक्षा ड्यूटी दूसरे कॉलेज में लगाने की बात कही गई है। जिसका विरोध प्रदेश में प्राध्यापकों द्वारा किया जा रहा है।