मध्यप्रदेश

एमपी में 'बाल विवाह प्रतिषेध कानून लागू', कन्या 18 व वर 21 से न हो कम, वरना 2 वर्ष की सजा एवं एक लाख लगेगा

एमपी में बाल विवाह प्रतिषेध कानून लागू, कन्या 18 व वर 21 से न हो कम, वरना 2 वर्ष की सजा एवं एक लाख लगेगा
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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बाल-विवाह (Bal Vivah) रोकने शासन-प्रशासन अलर्ट

MP Bal Vivah Kanoon News: बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है। इसे रोकने के लिए शासन-प्रशासन सख्ती से जुट गया है। दरअसल शुभ-मुहूर्त शुरू होने के साथ ही अक्षय तृतीया महातिथि भी आ रही हैं। यही वजह है कि बाल विवाह रोकने के लिए कदम उठाये जा रहे है। बाल-विवाह कानूनी रूप से अपराध है। अधिकारियों का कहना है कि विवाह के लिए कन्या की आयु 18 वर्ष से अधिक और वर की आयु 21 वर्ष से अधिक होना आवश्यक है।

बाल विवाह करने और कराने वाले को भी सजा

निर्धारित आयु से कम आयु के कन्या और वर का विवाह कानूनन अपराध है। इस तरह का बाल विवाह करने वाले और उसे संपन्न कराने वाले को दो वर्ष तक की सजा और एक लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है। महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रतिभा पाण्डेय ने बताया कि सभी माता-पिता अपने बेटे-बेटी का विवाह उचित आयु में करें।

कानून लागू

बाल विवाह के खिलाफ प्रदेश में कानून बनाया गया है और बाल-विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 लागू है। जिसके तहत पीड़ितों को सुरक्षा, राहत प्रदान दी जा रही है। जबरदस्ती बाल विवाह कराने वालों पर कठोर दण्ड का प्रावधान है।

उड़नदस्ते गठित

विवाह संपन्न कराने वाले धर्मगुरू, विवाह से संबंधित व्यवस्थाओं जैसे बारातघर, हलवाई, विवाहघर संचालक, बैण्ड-बाजे वाले आदि बाल विवाह होने पर तत्काल सूचना दें। बाल विवाह को रोकने के लिए जिले भर में एसडीएम की अध्यक्षता में उड़नदस्ते गठित किए गए हैं। इतना ही नहीं हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है और लोग मोबाइल नम्बर 9755270639 एवं चाइल्ड लाइन के टोल फ्री नम्बर 1098 पर भी सूचना दे सकते है।

अक्षय तृतीया में होती है ज्यादातर शादिया

ज्ञात हो कि तीन मई को महामुहूर्त अक्षय तृतीया पड़ रही है। इसे विवाह के लिए भी सबसे अच्छा मुहूर्त शास्त्रों में बताया गया है। जिसमें कोई भी विवाह एवं अन्य शुभ कार्य बिना रोक टोक के सपन्न हो सकते है और इस तिथि पर किसी भी तरह की कोई बाधा नही होती है। यही वजह है कि इस तिथि पर बम्पर शादियां होती है। खास तौर से एमपी में पिछड़ी जातियां इस तिथि पर कम उम्र की कन्या और वर का विवाह भी करते हैं। यही वजह है कि प्रशासन बाल-विवाह को रोकने के लिए मुस्तैदी से तैयारी कर रहा है।

Viresh Singh Baghel | रीवा रियासत

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