जबलपुर

राष्ट्रपति ने न्यायालयों में स्थानीय भाषा के प्रयोग का दिया सुझाव

News Desk
6 March 2021 5:20 PM GMT
राष्ट्रपति ने न्यायालयों में स्थानीय भाषा के प्रयोग का दिया सुझाव
x
जबलपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार को दो दिवसीय प्रवास पर जबलपुर पहुंचे। राष्ट्रपति द्वारा राज्य न्यायिक अकादमी के डायरेक्टर्स रिट्रीट का उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने उच्च न्यायालयों और जिला न्यायालयों को अपने फैसले स्थानीय भाषा में उपलब्ध कराए जाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि भाषाई सीमाओं के चलते वादी-प्रतिवादी को न्यायिक निर्णय समझने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। 

जबलपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार को दो दिवसीय प्रवास पर जबलपुर पहुंचे। राष्ट्रपति द्वारा राज्य न्यायिक अकादमी के डायरेक्टर्स रिट्रीट का उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने उच्च न्यायालयों और जिला न्यायालयों को अपने फैसले स्थानीय भाषा में उपलब्ध कराए जाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि भाषाई सीमाओं के चलते वादी-प्रतिवादी को न्यायिक निर्णय समझने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सभी उच्च न्यायालय अपने प्रदेश की लोकल भाषा मे प्रमाणिक अनुवाद कराएं। उच्च न्यायालय और जिला अदालतों के कार्यो में भी स्थानीय भाषा का प्रयोग होना चाहिए। कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश अरविंद बोबड़े, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान, कर्नाटक, मेघालय, जम्मू कश्मीर, पंजाब आदि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शामिल हुए।
राष्ट्रपति ने कहा कि न्यायपालिका में देश के लोगों का भरोसा है। न्याय करने वाले व्यक्ति का निजी आचरण भी उच्च होना चाहिए। न्याय व्यवस्था का उद्देश्य न्याय की रक्षा का होता है। न्याय में विलंब नहीं होना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि न्याय के आसन में बैठने वाले व्यक्ति को समय के साथ परिवर्तन और समावेशी भावना होनी चाहिए।

सीजेआई अरविंद बोबड़े ने कहा कि संवाद नए आयाम को स्थापित करता है। न्याय एक अनोखी प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि एक न्यायाधीश बनने के लिये क्या आवश्यक है। क्या एक विधि ज्ञाता ही अच्छा जस्टिस बन सकता है। उन्होंने कहा कि न्यायालय भेजने से पहले प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक ने कहा कि न्यायाधीशों के प्रशिक्षण के लिये इस संस्थान को शुरू किया गया। देश के सभी न्यायिक अकादमी के सहयोग से इसे उत्कृष्ट बनाने का प्रयास है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने अपने संबोधन में कहा कि इस धरती पर सभी का प्रदेश के 8 करोड़ जनता की ओर स्वागत करता हूं। मध्यप्रदेश को सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इसके लिए सौभाग्यशाली हू। उन्होंने कहा कि हमारे विचारों का मंथन शिक्षण और प्रशिक्षण बहुत जरूरी है। मंथन और चिंतन ऐसा हो कि अमृत निकले।

Next Story