मध्यप्रदेश

एमपी: 60% स्कूल बसों के चालक, परिचालक और केयर टेकर का नहीं हुआ पुलिस वेरीफिकेशन, आयोग ने जताई नाराजगी

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एमपी की राजधानी भोपाल के करीब 60 प्रतिशत विद्यालयों के चालक, परिचालक और केयर टेकर का पुलिस वेरीफिकेशन नहीं हुआ है।

भोपाल- राजधानी के करीब 60 प्रतिशत विद्यालयों के चालक, परिचालक और केयर टेकर का पुलिस वेरीफिकेशन नहीं हुआ है। इसको लेकर मप्र बाल अधिकारी संरक्षण आयोग नाराज है। आयोग ने इस संबंध में सभी विद्यालयों से जवाब मांगा है कि उनके यहां कितनी बसें संचालित है। इतना ही नहीं बसां के लिए नियुक्त चालक, परिचालक और केयर टेकर की भी जानकारी मांगी है।

गौरतलब है कि शहर में अभी सौ से अधिक सीबीएसई स्कूल, 4 सौ से ज्यादा एमपी बोर्ड के प्राइवेट विद्यालय संचालित है। इन विद्यालयों में बसें और वैन विद्यार्थियों के परिवहन के लिए चल रही है। जांच में पता चला है कि इन विद्यालयों में से केवल 40 प्रतिशत विद्यालयों के पास ही उनके यहां काम करने वाले बस चालक, परिचालक और केयर टेकर का पुलिस वेरीफिकेशन है। अन्य विद्यालयां ने अब तब पुलिस वेरीफिकेशन नहीं कराया है। यह हाल तब है जबकि आयोग पहले भी कई बार शिक्षण संस्थाओं जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिख चुका है।

अभिभावक रख सकेंगे निगरानी

बताया गया है कि बिल्लाबांग स्कूल की घटना के बाद शहर के 12 से अधिक विद्यालयों ने बसों को जीपीएस टै्रकिंग सिस्टम से जोड़ कर उसका एक्सेस अभिभावकों को दिया है। इसमें बस किस समय निकली और कहा पहुंची सारी जानकारी मोबाइल पर दिखाई देती है। चालक का नंबर भी शो होता है। पेनिक बटन भी है।

वर्जन

शैक्षणिक संस्थाओं, जिला प्रशासन और जिला शिक्षा अधिकारी को लिखा है कि सभी विद्यालय बस के चालक, परिचालक और केयर टेकर का पुलिस वेरीफिकेशन कराए। बसों को जीपीएस से जोड़ने का निर्देश है।

अनुराग पाण्डेय, सदस्य, मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग

Suyash Dubey | रीवा रियासत

Suyash Dubey | रीवा रियासत

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