मध्यप्रदेश

MP में PESA Act लागू, सूदखोरों पर सीएम का शिकंजा, कर्जमाफी की घोषणा की

Ramesh Pandey
4 Dec 2021 7:13 PM IST
MP Public cooperation is important in the success of the state: Shivraj
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मप्र में पेसा एक्ट (PESA Act) प्रभाव से लागू कर दिया गया है। पेसा एक्ट लागू करने की घोषणा मप्र के मुखिया शिवराज सिंह चौहान (MP CM Shivraj Singh Chouhan) ने इंदौर में टंट्या मामा स्मृति समारोह (Tantya Mama Memorial Ceremony) में किया है।

PESA Act implemented in MP: मप्र में पेसा एक्ट (PESA Act) प्रभाव से लागू कर दिया गया है। पेसा एक्ट लागू करने की घोषणा मप्र के मुखिया शिवराज सिंह चौहान (MP CM Shivraj Singh Chouhan) ने इंदौर में टंट्या मामा स्मृति समारोह (Tantya Mama Memorial Ceremony) में किया है। इसके साथ ही उन्होंने सूदखोरी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की भी बात कही है। सीएम ने घोषणा की है कि बिना लाइसेंस वालों ने 15 अगस्त तक जो भी उधार दिये हैं, वे सब माफ हो गये हैं, उधार लेने वालों को उन्हें लौटाने की आवश्यकता नहीं है।

शनिवार को इंदौर जिले के पातालपानी में टंट्या मामा स्मृति समारोह में जनसभा को संबोधित किया। इसी कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह ने मप्र में पेसा एक्ट (PESA Act) को लागू करने की घोषणा करते हुये कहा कि इस एक्ट के लागू होने के बाद अनुसूचित जनजाति वाली ग्राम पंचायतों का स्थानीय संसाधनों पर को ज्यादा से ज्यादा अधिकार प्राप्त होंगे और जनजातीय ग्राम सभाओं को जनजातीय समाज की सामाजिक न्याय और धार्मिक व्यवस्था के लिये भी कार्य करने का अधिकार मिल सकेगा। इस एक्ट में भूमि, खनिज, लघु वनोपज की सुरक्षा और संरक्षण का भी अधिकार आता है।

क्या है पेसा एक्ट?

इस एक्ट के अधीन स्थानीय संसाधनों पर स्थानीय अनुसूचित जनजाति के लोगों की समिति को अधिकार प्रदान किये गये हैं, साथ ही आदिवासी समाज की परम्पराओं, रीति रिवाज तथा सांस्कृतिक पहचान और विवादों आदि के समाधान के लिये परम्परागत ढंगों के प्रयोग के लिये ग्राम सभाओं को सक्षम बनाने का प्रावधान किया गया है। जनजातीय ग्राम सभाओं को भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास के कार्यों में अनिवार्य परामर्श की शक्ति प्रदान की गयी है। यह एक्ट 24 अप्रैल 1996 को बनाया गया था और इसे अब लागू किया गया है। भूरिया समिति की अनुशंसाओं पर आधारित पेसा एक्ट यानी 'पंचायत उपबंध (अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों तक विस्तार) विधेयक' का प्रमुख उद्देश्य यह था कि केन्द्रीय कानून में जनजातियों की स्वायत्ता के बिन्दु स्पष्ट कर दिये जाय जिनका उल्लंघन करने की शक्ति राज्यों के पास न हो।

जो सूदखोरी करेंगे उन पर सख्त कार्यवाही की जायेगी

इंदौर शहर में सीएम ने कहा कि बिना लाइसेंस जो सूदखोरी करेंगे उन पर सख्त कार्यवाही की जायेगी। बिना लाइसेंस वालों ने 15 अगस्त तक जो भी उधार दिये हैं, वे सब माफ हो गये हैं, उधार लेने वालों को उन्हें लौटाने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही सीएम ने कहा कि जनजातीय भाई बहनों को वन अधिकार के पट्टे देने का क्रम निरन्तर चलता रहेगा। इस अवसर पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल भी मौजूद थे।

Ramesh Pandey

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