मध्यप्रदेश

Mandu Festival: दोनों हाथों से एक साथ लिखने वाले बच्चों को देख लोग रह गए दंग

Sanjay Patel
12 Jan 2023 2:54 PM IST
Mandu Festival: दोनों हाथों से एक साथ लिखने वाले बच्चों को देख लोग रह गए दंग
x
Mandu Festival: धार जिले के अद्भुत विद्यार्थी भी मांडू उत्सव में शामिल हुए। यह विद्यार्थी दोनों हाथों से एक साथ लिख लेते हैं। मांडू उत्सव में इन बच्चों को दोनों हाथों से लिखते देखकर लोग दंग रह गए।

धार जिले के अद्भुत विद्यार्थी भी मांडू उत्सव में शामिल हुए। यह विद्यार्थी दोनों हाथों से एक साथ लिख लेते हैं। मांडू उत्सव में इन बच्चों को दोनों हाथों से लिखते देखकर लोग दंग रह गए। पर्यटकों द्वारा जहां उनकी तारीफ की गई तो वहीं उन्होंने कहा कि एमपी में होनहारों की कमी नहीं है।

10 बच्चों ने दिखाई कला

मांडू उत्सव में 56 महिला परिसर में पहली से पांचवीं तक के 10 बच्चों को कॉपी पर दोनों हाथों से लिखता देखकर पर्यटक और अतिथियों ने उनकी सराहना की। बताया गया है कि यह बच्चे तीन घंटे के प्रश्न पत्र को डेढ़ घंटे में हल कर लेते हैं। दूसरी क्लास में पढ़ने वाली आध्या पाटीदार के अनुसार उसे अब दोनों हाथों से लिखना ही अच्छा लगता है। आध्या हिन्दी, अंग्रेजी दोनों को तेजी के साथ लिख लेती हैं। मांडू उत्सव में अपनी इस कला को दिखाने के लिए मानवी पाटीदार, संध्या राठौर, वेदिका राठौर, विश्वजीत आदि बच्चे शामिल हुए।

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है नाम

धार जिले के अद्भुत विद्यार्थियों ने मांडू उत्सव में भाग लिया। जहां उन्होंने लोगों को अपनी कला दिखाई। उनक अद्भुत कला को देखकर लोग आश्चर्यचकित रह गए। यहां उल्लेखनीय है कि दुनिया की अधिकतर आबादी लिखने के लिए अपने दाहिने हाथ का इस्तेमाल करती है जबकि कुछ ही ऐसे लोग हैं जिनके द्वारा लिखने के लिए बाएं हाथ का उपयोग किया जाता है। किन्तु मांडू उत्सव में दस ऐसे बच्चे शामिल हुए जिनके द्वारा लिखने का कार्य दोनों हाथों से कुशलता के साथ किया जाता है। शिक्षक का दावा है कि इनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है।

सिंगरौली के 100 बच्चे दोनों हाथ से लिखने में माहिर

सिंगरौली जिले के बुधेला में रहने वाले 100 बच्चे दोनों हाथ से एक साथ लिखने में माहिर हैं। ये बच्चे वीणावादिनी पब्लिक स्कूल में पढ़ते हैं। जो दोनों हाथों से एक साथ कलम पूरी रफ्तार के साथ चलाते हैं। इन्हें हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी, उर्दू और स्पैनिश भाषा का ज्ञान है। बच्चों को यह हुनर उनके स्कूल में सिखाया जाता है। गांव के वीरंगद शर्मा के मुताबिक जबलपुर में वह सेना का प्रशिक्षण ले रहे थे। इस दौरान उन्हें देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के बारे में बताया गया कि वे दोनों हाथों से लिखते थे। जिस पर उनकी इसके प्रति जिज्ञासा बढ़ गई और उन्होंने कुछ अलग करने के लिए गांव में इसके लिए स्कूल का संचालन किया जिसमें बच्चों को दोनों हाथों से एक साथ लिखने की कला सिखाई जाती है। उन्होंने बताया कि दोनों हाथों से लिखने की कला में माहिर होने में एक बच्चे को चार से पांच साल का समय लग जाता है।

Next Story